International Women's Day 2022: विश्वभर में आज 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जा रहा है. ऐसे में देशभर में अलग-अलग क्षेत्र में नाम करने वाली महिलाओं के किस्से सामने आ रहे हैं. राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर (Udaipur) संभाग के डूंगरपुर जिले को महिलाओं ने ऐसा काम जिसके चलते उनका सम्मान दिल्ली (Delhi) में किया जाएगा. 6 साल पहले 5 महिलाओं से शुरू हुए ग्रुप में आज 4700 महिलाएं जुड़ चुकी हैं और आर्थिक रूप से संबल बन रही हैं. इस ग्रुप का नाम झौंधरी सीएलएफ (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) है. 


महिलाओं को सशक्त बनाने का किया काम 
महिलाओं के ये ग्रुप आज पूरे देश में अपनी पहचान बना चुका है. इस संगठन से जुड़े 100 परिवारों ने 10 महीने में ही मुर्गी पालन से 35 लाख रुपए का मुनाफा हासिल कर लिया. इसी का परिणाम है कि आज महिला दिवस के अवसर पर झौधरी महिला इकाई राजस्थान में नंबर वन और देश के दूसरे सशक्त आत्मनिर्भर संगठन के रूप में सम्मानित हो रहा है. सबसे खास बात ये है कि इस संगठन ने महिलाओं को सशक्त बनाने का काम किया है.


अध्यक्ष-उपाध्यक्ष 8वीं तो सचिव 12वीं पास
झौंधरी सीएलएफ (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) की अध्यक्ष इंदिरा परमार डूंगरपुर के छोटे गांव मडकोला की रहने वाली हैं और 8वीं कक्षा तक पढ़ी हैं. उन्होंने बताया कि इस संगठन को 5 अक्टूबर 2015 को शुरू किया गया था. इस महिला इकाई ने अब तक 478 स्वयं सहायता समूह बनाए हैं. इसमें 4700 महिलाएं जुड़ी हैं. इनका संगठन 35 गांवों से जुड़ा हुआ है. इस क्लस्टर ने सबसे ज्यादा समूह बनाकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है. उपाध्यक्ष पुष्पा देवी रोत झौंथरी कंथारफला की रहने वाली हैं 8वीं तक पढ़ी लिखी है. सचिव मनपा ने 12वीं तक की पढ़ाई की है. कोषाध्यक्ष गंगा परमार इस संगठन की पदाधिकारी होकर कोष विभाग देख रही हैं.




यहां होगा समान
आत्मनिर्भर संगठन अवार्ड समारोह नई दिल्ली के विज्ञान भवन में होगा. भारत से कुल 13 क्लस्टर संगठन का चयन किया गया है. इसमें राजस्थान से एक मात्र झौंधरी सीएलएफ का चयन किया है. इस सीएलएफ को राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान मिला है. अध्यक्ष इंदिरा परमार, उपाध्यक्ष पुष्पा रोत, सचिव मनपा रोत, कोषाध्यक्ष गंगा, खंड परियोजना प्रबंधक सोपनेल उकेय, जिला परियोजना प्रबंधक हितेश कुमार चौबीसा के 6 सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा.  योजना में महिलाओं को उनकी रुचि के अनुसार का सिखाया जाता है. उन्हें लोन दिलवाकर छोटा उद्यम शुरू कराया जाता है. ये महिलाएं कम पढ़ी हैं. सीएलएफ को चलाने के साथ इंदिरा स्वयं सिलाई सेंटर और किराना स्टोर चला रही है. पुष्पा देवी महिला किसानों को सब्जी उत्पादन के प्रति जागरूक भी करती है. 


ये होते है काम


आसपुर के बड़ौदा गांव की रहने वाली पुष्पा पारगी ने बताया कि वो चायपत्ती की पैकिंग का काम करती हैं. असम से चायपत्ती मंगवाती हैं और 10 रुपए के पाउच से लेकर 150 रुपए के पैकेट को पैकिंग करके बाजार में बेच रही हैं. 


झौंथरी क्षेत्र की हंसा खराड़ी ने समूह से जुड़कर 25-25 रुपए की बचत करना शुरु कर दिया. शादी के बाद पढ़ाई को जारी रखते हुए स्नातक की डिग्री को पूर्ण कर लिया. लोन राशि से ई मित्र की दुकान खोलने और पशु खरीदने का काम किया. इससे आमदनी शुरू हुई तो पानी पंप मोटर और भूमि समतलीकरण का काम किया. इससे आमदनी ठीक होने लगी.


सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने चप्पल बनाने की यूनिट लगाने का काम किया है. 24 महिलाओं ने पहली बार में 300 चप्पल तैयार की इसे 50 से 80 रुपए के दाम में लोकल मार्केट में बेचा. अब 1500 चप्पल तैयार करने का ऑर्डर मिला है. इसका काम जल्द शुरु होने वाला है.


ये भी पढ़ें: 


Rajasthan News: चुनावी नतीजों के पहले राजस्थान पहुंची प्रियंका गांधी, सीएम गहलोत को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी


Holi 2022: जोधपुर में देखने को मिलता है होली का अलग अंदाज, यहां चंग की थाप के साथ मनाया जाता है रंगों का त्योहार