Bundi News: 150 ट्रांसजेंडर्स को ट्रेनिंग देने के लिए हांगकांग से बूंदी आएंगे अंतरराष्ट्रीय योग गुरु
देशभर से 150 ट्रांसजेंडर यानी किन्नर बूंदी में जुटेंगे और 15 दिन तक योग-मेडिटेशन करेंगे.राजस्थान में यह दूसरा आयोजन है जबकि बूंदी में पहली बार आयोजित होने जा रहा है.
Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी में स्थित जैतसागर झील(Jaitsagar Lake) किनारे 150 ट्रांसजेंडर जुटेंगे. 15 दिवसीय योग-मेडिटेशन का प्रशिक्षण शिविर का आयोजन आरंभ होगा. राजस्थान(Rajasthan)में यह दूसरा आयोजन है. जबकि बूंदी में पहली बार आयोजित होने जा रहा है. किन्नर इस शिविर का आयोजन बूंदी शहर में आयोजित करेंगे. यहां शहर के जैतसागर झील(Jaitsagar Lake) किनारे योग शिविर आयोजित होगा. जिसमे कई प्रकार की योग संबंधित ट्रेनिंग भी होगी. यह आयोजन निःशुल्क होगा. जिसका योग प्रशिक्षक कोर्स नाम दिया गया है.
योग-मेडिटेशन यानि किन्नरों की लोकप्रियता को बढ़ावा
आयोजन का उद्देश्य है कि किन्नरों की आमजन में स्वीकार्यता बढ़ाना, उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाना है ताकि वे भी समाज में अच्छे से रह सके उन्हें डर और भय न हो. 15 दिनों के प्रशिक्षण सम्पन्न होने के बाद प्रशिक्षित किन्नर दूसरे समाज के लोगों को भी योग सिखा सकेंगे. लोगों का इनके प्रति नजरिया बदलेगा. इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय योग गुरु नवीन मेघवाल विशेष तौर पर बूंदी आएंगे. नवीन मेघवाल केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर के विवेकानंद सेंटर के डायरेक्टर भी हैं. नवीन मेघवाल बीकानेर(Bikaner) सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के बेटे है.
प्रकृति के सुंदर वातावरण में होगा किन्नरों का प्रशिक्षण
योग प्रशिक्षण के लिए कई जिलों के विकल्प थे. लेकिन बूंदी को चुनने के पीछे वजह है यहां योग-ध्यान के लिए शांति और प्रकृति दोनों हैं.यहां पहाड़, जंगल, झील, हैरिटेज और बहुत प्राकृतिक स्थल है.जहां शांति और सुंदरता है.इस प्रोग्राम में किन्नरों को पहले चरण में प्रशिक्षित किया जाएगा. हठ योग के इस अध्यापक ट्रेनिंग कोर्स में योग का इतिहास, योग का मनोविज्ञान, योग दर्शन, श्रीमद भगवद गीता, योग सूत्र, भक्ति सूत्र, विज्ञान, आसन, प्राणायाम, मुद्रा, ध्यान, मंत्र, कर्म योग आदि का प्रशिक्षण करेंगे.
किन्नरों को योग के प्रति जागरूक करने के लिए लगे 7 माह
अंतरराष्ट्रीय योग गुरु नवीन मेघवाल ने बताया कि किन्नरों को योग शिविर में शामिल करवाने के लिए 7 माह की ‘समझाइश’ करने वाली शुरुआत बीकानेर से हुई.जहां 7 माह तक किन्नरों की हवेली पर हमारी टीम जाती थी और किन्नरों को समझाती थी. कई बार किन्नर हमें देख कर डर जाते थे और हमें वहां से भगा देते थे, लेकिन हमने भी हार नहीं मानी.हम रोज कोई न कोई बहाना लेकर उनके पास पहुंच जाते थे और उन्हें योग के प्रति जागरूक करते थे. बीकानेर में हवेली की प्रमुख किन्नर कांताबाई ने 7 माह बाद टीम की बात को समझा और योगा के लिए हां की और पहला आयोजन बीकानेर में आयोजित हुआ. हालांकि इस आयोजन में ज्यादा किन्नर शामिल नहीं हो सके लेकिन उनका मकसद जरूर पूरा होता हुआ दिखाई दिया.
समाज में किन्नरों के प्रति लोगों में गलत भावनाएं
अंतरराष्ट्रीय योग गुरु नवीन मेघवाल ने बताया कि किन्नरों के प्रति लोगों की गलत भावनाएं रहती है. वह उन्हें तरह-तरह की भाषाओं से परेशान करते हैं. इन्हीं कारणों से किन्नर अपने आप को ऊर्जावान बताने के लिए शक्ति प्रदर्शन करते हैं ताकि लोग उनका भय करें, लेकिन यह अंदर से काफी डरे हुए होते हैं. मैंने जब किन्नरों पर स्टडी की और इनसे बात की तो उन्होंने अपनी मन की बात बताई और कहा कि हम लोगों को डराने के लिए शक्ति प्रदर्शन करते हैं. जबकि हम अंदर से काफी डरे हुए हैं. ताकि लोग हमें समाज से बहिष्कृत न कर दे. अंतरराष्ट्रीय योग गुरु नवीन बताते हैं कि इसी सोच को बदलने के लिए हमने किन्नरों का योगा शिविर आयोजित करने का फैसला लिया. पहला आयोजन बीकानेर में हो चुका है. अब दूसरा आयोजन हम बूंदी में करने जा रहे हैं. जिसमें 150 से अधिक किन्नर भाग लेंगे और देश में एक अलग से मिसाल पेश होगी और यह समाज भी आगे बढ़ता हुआ नजर आएगा.
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