Rajasthan News: आईपीएल 2022 (IPL 2022) का फाइनल मैच रविवार को होने जा रहा है. इस फाइनल में राजस्थान और गुजरात के बीच मैच खेला जाएगा और इसी के साथ जो भी टीम मौच जीतेगी वह आईपीएल 2022 की विजेता टीम होगी. लेकिन उससे पहले टीम में मौजूद खिलाड़ियों के माता-पिता अपने बच्चों से उम्मीद लगाए हुए बैठे हैं.


परिवार वाले हैं बहुत उत्साहित


दरअसल राजस्थान रॉयल्स टीम के खिलाड़ी शुभम गरवाल जोधपुर से ताल्लुक रखते हैं. यहां शुभम के परिवार के लोगों ने उम्मीद जताई है कि रविवार में होने वाले फाइनल मैच में राजस्थान रॉयल्स की ही जीत होगी. शुभम गरवाल के माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य रविवार को होने वाले फाइनल मैच को लेकर काफी उत्साहित हैं. साथ ही उन्हें मैच से बहुत उम्मीदें हैं और विश्वास भी है कि फाइनल मैच राजस्थान रॉयल्स ही जीतेगी इस आईपीएल 2022 में जितने भी मैच हुए हैं सबसे अच्छा प्रदर्शन राजस्थान रॉयल टीम का ही रहा है.


जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्र के एक छोटे से गांव में शुभम गरवाल का जन्म हुआ था और ग्रामीण क्षेत्र में एक साधारण बल्ले से क्रिकेट खेलना शुरू किया. उनके पिता का जनरल स्टोर है तो मां गृहिणी हैं. एक बहन है, जो बैंकिंग में करियर बनाने के लिए पढ़ाई कर रही है. साथ ही ये सभी लोग जॉइंट फैमिली में रहते हैं.


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युवराज सिंह हैं फेवरेट खिलाड़ी


वहीं शुभम गरवाल ने बताया कि मेरा पसंदीदा खिलाड़ी युवराज सिंह है. मैं शुरू से ही उनके खेल का लुत्फ उठाता था. उनका बल्लेबाजी स्टाइल, और जिस तरह से वह छक्के लगाते थे. मैं भी उसी तरह खेलने की कोशिश करता हूं और उनकी तरह छक्के लगाता हूं. मैं उनसे कभी मिला नहीं हूं, लेकिन निश्चित रूप से मिलना चाहता हूं. युवराज सिंह ने 2007 में पहले टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ डरबन में 12 बाॅल में अर्द्धशतक लगाया था.  शुभम ने उनके रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है. 12 बाॅल में अर्द्धशतक लगाया और अगली चार गेंदाें में स्काेर 71 तक पहुंचा दिया. इससे पहले शुभम ने गेंदबाजी भी शानदार की. 2.5 ओवर यानी 17 गेंदाें में महज 2 रन देकर 4 विकेट लिए.


जिले की टीम में खेल सकते है तीन प्राेफेशनल खिलाड़ी


जाेधपुर के रहने वाले शुभम गरवाल प्राेफेशनल खिलाड़ी हैं. वे पहली बार कोल्विन शील्ड में पाली टीम से खेल रहे हैं. उनके काेच प्रद्युतसिंह और शाहरुख पठान हैं. आरसीए के नियमानुसार जिले की टीम में राजस्थान के किसी भाी जिले से 3 प्राेफेशनल खिलाड़ी खेल सकते हैं. उन्होंने बताया कि लेदर बॉल से खेलने के बाद भी मैंने इसे बहुत गंभीरता से नहीं लिया.


शुभम ने बताया कि मैंने अपनी इंजीनियरिंग की, फिर मैं कोचिंग के लिए दिल्ली गया, फिर मैं घर वापस आ गया. मैंने लगभग दो-तीन साल बर्बाद कर दिए क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मैं क्रिकेट को एक पेशे के रूप में अपना सकता हूं. लेकिन धीरे-धीरे मैं और नियमित रूप से खेलने लगा, खेल की बारीकियां सीखने लगा. तभी मुझे एहसास हुआ कि अगर मुझे इसे करियर के रूप में आगे बढ़ाना है तो मुझे बहुत अधिक मेहनत करनी होगी.


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