Jodhpur News: शौक पूरे करने के लिए घर में ही बना लिया नकली नोट छापने का कारखाना, इस सोशल मीडिया साइट से सीखा तरीका
Rajasthan News: पुलिस के मुताबिक गौरव कुमावत ने दो साल तक यूट्ब पर नकली नोट छापने का तरीखा खोजा और सीखा. वह अब तक करीब 10 लाख रुपये कीमत के बराबर नकली नोट छाप कर बाजार में चला चुका है.
Jodhpur Crime News: आईटीआई पासआउट एक युवक ने शॉर्टकट से रुपे कमाने के लिए जो किया, उसे जानकर आपको हैरानी होगी.इस युवक ने केवल अपने शौक को पूरा करने के लिए घर में ही नकली नोट छापने की प्रेस लगा ली थी. उसने एक साल में लाखों रुपए छापकर अपनी गैंग के मार्फत देशभर में फैला दिए. असली नोट लेकर उससे दोगुनी रकम के नकली नोट बेचने का काम धड़ल्ले से कर रहा था. नकली नोट छापने का काम उसने यूट्यूब से सीखा था.
कहां से हुई है गिरफ्तारी
राजस्थान पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है. उसने नकली नोट छापने के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उससे नकली नोट छापने में उपयोग में लाए गए उपकरण भी बरामद किए हैं. उदयपुर के थाना सूरजपोल पुलिस की टीम ने प्रतापगढ़ के इंद्रा कॉलोनी निवासी गौरव कुमावत को गिरफ्तार किया है. उसके पास से 200, 500 और 2000 रुपये के नकली नोट तैयार करने के लिए उपयोग में लाए गए उपकरण बरामद किए गए हैं. आरोपी ने अब तक 10 लाख रुपए के नोट बाजार में उतारना स्वीकार किया है.
एसपी विकास शर्मा ने बताया कि आठ अप्रैल को सुखेर थानाधिकारी संजय शर्मा ने 500-500 के रूप में 64 हजार 500 रुपये के भारतीय नकली नोट बरामद कर किया था.इस मामले में मध्य प्रदेश के मंदसौर निवासी चेतन भावसार को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले की जांच थाना सूरजपोल पुलिस कर रही थी. जांच अधिकारी एसआई वीरम सिंह ने चेतन से पूछताछ के बाद नकली नोट तैयार करने के मास्टरमाइंड गौरव कुमावत को गिरफ्तार किया.
कौन कौन से नोट छाप रहा था
पुलिस की टीम ने आरोपी के मकान से 200, 500 और 2000 रुपये के नकली नोट तैयार करने के लिए उपयोग में लिए जा रहे इलेक्ट्रॉनिक संसाधन लैपटॉप, टैबलेट, कलर प्रिंटर, डाटा केबल, पेन ड्राइव आदि बरामद किए हैं. पूछताछ में आरोपी ने अब तक 10 लाख रुपये मूल्य के भारतीय जाली नोट तैयार कर बाजार में चलाना स्वीकार किया है.
गौरव कुमावत आईटीआई पासआउट है. उसने दो साल तक अपने साथियों के साथ मिलकर यूट्यूब से नकली नोट बनाने का तरीका सीखा.वह करीब एक साल से नकली नोट बनाकर खुद और अपने गैंग के सदस्यों के माध्यम से भारत के अलग-अलग राज्यों में चला कर अपने शौक पूरा कर रहा था. वह जितने रूपये लेता था, उसके दो गुने मूल्य के नकली नोट देता था.
ये भी पढ़ें