Rajasthan News: राजस्थान की जेलों में प्रहरियों के प्रदर्शन को 7 दिन हो गए हैं. जेल प्रहरी अनुशासन का पालन करते हुए मांग पर अड़े हुए हैं. मेस का बहिष्कार कर ड्यूटी भी अंजाम दे रहे हैं. अनशन के कारण उदयपुर में अब तक 21 जेल प्रहरी बीमार हो गए. अस्पताल में इलाज के बाद दोबारा अनशन पर बैठ गए हैं. सेंट्रल जेल उदयपुर में करीब 150 जेल प्रहरी तैनात हैं. प्रहरियों के लिए जेल परिसर में मेस बनी हुई है. मेस में पिछले गुरुवार से सन्नाटा पसरा है. खाना नहीं बनने की वजह से बर्तन बाहर रखे हुए हैं. 8-8 घंटे जेल की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले प्रहरी ड्यूटी भी दे रहे हैं.


सरकार नहीं निभा रही है जिम्मेदारी


अब सवाल उठता है कि जेल प्रहरी प्रदर्शन कैसे कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार सरकारी कर्मचारी मांगों के समर्थन में कार्य बहिष्कार कर हड़ताल करते हैं, हम वैसा नहीं कर सकते. उन्होंने बताया कि बाहरी सुरक्षा आरएसी बटालियन करती है और आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है. हम अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं लेकिन सरकार हमारी वाजिब मांगों को पूरा करने की जिम्मेदारी नहीं निभा रही है. हमारी 8-8 घंटे की शिफ्ट चलती है.


ड्यूटी के साथ आंदोलन भी है जारी


हम मेस का बहिष्कार कर अनशन पर हैं, बावजूद ड्यूटी भी दे रहे हैं. जेल में ही एक टेंट खड़े कर प्रदर्शन की जगह तय की है. ड्यूटी करनेवाला आकर बैठ जाता है. मांग के नहीं माने जाने तक जेल ऐसे ही चलेगी. जेल प्रहरियों की प्रमुख मांगों में वेतन विसंगति दूर करना शामिल है. पुलिस के समान वेतन-भत्ता भी किए जाने की मांग है. उनका कहना है कि आरएसी 13वीं बटालियन का मुख्य कार्य केंद्रीय जेलों की केवल बाहरी सुरक्षा है. प्रहरियों के जिम्मे कारागार की आंतरिक सुरक्षा का काम है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आरएसी से ज्यादा कार्य आवंटन जेल प्रहरियों को हैं. ऐसे में जेल कर्मियों का वेतन भत्ता समान होना चाहिए. 


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