Jaipur AAP Office: आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की दिल्ली और पंजाब सरकार जहां लोगों को फ्री बिजली देने की बात करके सभी चुनाव में उसे रोल मॉडल बता रही है. वहीं, राजस्थान में उनके जयपुर के बाइस गोदाम में स्थित हेडक्वॉटर की बिजली काट दी गई. बिजली भी इसलिए काटी गई, क्योंकि बिल जमा नहीं किया गया था. इलेक्ट्रिसिटी बिल की ड्यू-डेट 21 नवंबर 2022 थी. कुल 67942.93 रुपये जमा करने थे, लेकिन समय से बिल न चुका पाने की वजह से विभाग ने बिजली की आपूर्ति को बाधित कर दिया.
बिजली कटते ही संगठन से जुड़े लोगों में हलचल होने लगी. सूत्रों की मानें तो जब बिजली कटी थी, तो उस समय भी कुछ लोग वहां पर मौजूद थे. वहीं, 'आप' के प्रवक्ता मयंक त्यागी ने बताया कि यह सब सरकार की चाल है. हमने बिल जमा करने की बात कही फिर भी बिजली काट दी गई. आइये जानिए इसके पीछे की पूरी इनसाइड स्टोरी क्या है?
आठ महीने से संगठन है भंग
27 मार्च 2022 को राजस्थान आप के संगठन को भंग कर दिया गया था. प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा ने उस दिन घोषणा की थी कि अगले तीन महीने में पूरे राज्य में सदस्यता अभियान शुरू किया जाएगा. गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों को जोड़ेंगे और प्रदेश में हम सब मिलकर एक मजबूत संगठन खड़ा करेंगे. लेकिन, अब तो आठ महीने पूरे हो गए हैं. कोई भी एक्टिविटी नहीं है. कोई जमीन पर दिख नहीं रहा. धीरे-धीरे लोग दूर होते चले जा रहे हैं. सूत्रों की मानें तो संगठन जब भंग हुआ, तो पार्टी से जुड़े जनों को उम्मीद थी कि जल्द ही कुछ नया होगा लेकिन कुछ हुआ नहीं. दिल्ली के द्वारका से आप के विधायक विनय मिश्रा को यहां का प्रभारी बनाया गया, लेकिन उनकी यहां उपस्थिति कम है.
आपसी रस्साकसी का असर है 'बिजली का कटना'
संगठन भंग होने के बाद भी यहां पर लोग जुड़े हुए हैं. लेकिन किसी के पास कोई आधिकारिक तौर पर जिम्मेदारी न होने से लोगों में नाराजगी बताई जा रही है. मयंक त्यागी ने बताया कि उनके पास मुख्यप्रवक्ता की जिम्मेदारी है. हालांकि, पार्टी के सूत्रों की मानें तो यहां पर लोगों में बेचैनी बढ़ रही है. जिम्मेदारी न होने से लोग अब कहीं और जाने को तैयार हैं. राजस्थान में विधान सभा चुनाव के लिए मात्र एक साल का समय और बचा है. फिर भी पार्टी की तरफ से कोई सक्रियता नहीं है. इससे पार्टी से जुड़े लोग अब दूरी बना रहे है और जो बचे हैं वो 'गुटबाजी' का शिकार हो रहे हैं. इसी का नतीजा है कि पार्टी कार्यालय की बिजली काट दी गई. हालांकि, तुरंत ही बिल जमा भी किया गया. अब वहां पर रौशनी बनी हुई है.
गुजरात चुनाव का इंतजार
आप सूत्रों के अनुसार, राजस्थान में आप से जुड़े लोगों को गुजरात चुनाव का इंतजार है. गुजरात में पार्टी के प्रदर्शन पर यह निर्भर करेगा कि संगठन कितनी तेजी से दौड़ेगा. हालांकि, राजस्थान की आप सोशल मीडिया पर एक्टिव है. लेकिन जमीन पर गुजरात चुनाव के परिणाम का इंतजार है. वर्ष 2018 के चुनाव के बाद यहां पर संगठन पूरी तरह से डीएक्टिव है, जिसे लेकर कई बार जोश भरने का प्रयास किया गया है. प्रभारी खूब बदले गए लेकिन वो बदलाव दिखा नहीं. इन्हीं वजहों से पार्टी पर असर दिखने लगा है.