Rajasthan News: जयपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की थर्ड यूनिट ने टोंक (Tonk) में रिश्वतबाजों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. एसीबी की टीम ने नगर परिषद आयुक्त अनिता खींचड़ (Anita Khinchar) के साथ ही कनिष्ठ लिपिक मोहम्मद सलीम और सफाईकर्मी ओमदेव नागर को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने बिलों का भुगतान करने की एवज में रिश्वत मांगी थी. परिवादी की शिकायत पर सत्यापन के बाद एसीबी ने जाल बिछाकर आरोपियों को धर दबोचा.
आरोपियों को कोर्ट में किया गया पेश
गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों को अजमेर एसीबी कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने आयुक्त खींचड़ को दो दिन के रिमांड पर भेज दिया है. वहीं, आरोपी लिपिक और सफाईकर्मी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. माना जा रहा है कि टोंक में भ्रष्टाचार की जड़ें और भी गहरी है. इस गिरफ्तारी के साथ ही कई और खुलासे हो सकते हैं.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के अतिरिक्त महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि परिवादी ने एसीबी को शिकायत देकर बताया था कि टोंक नगर परिषद (Tonk Nagar Parishad) ने पिछले दिनों बनास महोत्सव आयोजित किया था. महोत्सव के दौरान फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, स्टेज कार्यक्रम और अन्य कार्य करवाए थे. इनके बिलों के भुगतान की एवज में नगर परिषद आयुक्त अनिता एक लाख रुपए रिश्वत मांग कर परेशान कर रहीं हैं. शिकायत मिलने पर एसीबी टीम ने सत्यापन किया और नगर परिषद में कार्रवाई कर आयुक्त के साथ कनिष्ठ लिपिक और सफाईकर्मी को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया.
मकानों की तलाशी में मिले रुपये
अनिता की गिरफ्तारी के बाद एसीबी टीम ने आयुक्त के सीकर, झुंझुनूं और टोंक में मकानों की तलाशी ली. टोंक स्थित सरकारी आवास में एक लाख की नकदी और मिली. वहां एक एसयूवी कार भी मिली है. हालांकि, वह आयुक्त के नाम नहीं है. तलाशी के दौरान जमीन जायदाद के कागजात भी मिले हैं. एसीबी टीम ने दोनों कर्मचारियों के घरों पर भी जांच पड़ताल की.
परिषद में शिकायतों का अंबार
नगर परिषद में भ्रष्टाचार इस कदर चरम पर है कि शिकायतों की सुनवाई तक नहीं होती. परिषद में शहरभर की शिकायतों का अंबार लगा है. यह शिकायतें रोड लाइट से लेकर टूटी सड़कों, नालियों पर अतिक्रमण की है. आरोप है कि यहां बेशकीमती जमीनों पर दूध डेयरी, बूथ आवंटन कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की अवहेलना कर तालाबों और ताल कटोरा तलाई पर किए गए अतिक्रमण की अनदेखी की जा रही थी. बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही थी. जनता और जनप्रतिनिधि सभी परेशान थे. भ्रष्टाचार में जकड़ी नगर परिषद में एसीबी की कार्रवाई पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई है.
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