Rajasthan: बीजेपी ने दो हफ्तों में लिए कई बड़े फैसले, अब चुनाव संचालन समिति के लिए इस नाम की चर्चा तेज
Rajasthan: बीजेपी सोशल इंजीनियरिंग को अपनाकर आगे बढ़ रही है. ऐसे में अध्यक्ष ब्राह्मण, नेता प्रतिपक्ष क्षत्रिय, उप नेता प्रतिपक्ष जाट को बनाया गया है. अब चुनाव संचालन समिति संयोजक की चर्चाएं तेज हैं.
Rajasthan Politics: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को भले ही 7 महीने से कम समय बचा हो, लेकिन बीजेपी में चुनाव की तैयारी तेज हो गई हैं. अब चुनाव संचालन समिति पर सबकी नजरें टिक गई हैं. आखिर अब किसे चुनाव संचालन समिति की कमान मिलेगी. कौन होगा संयोजक और किसे बनाया जाएगा सहसंयोजक? इस तरह का सवाल अब उठने लगे हैं.
दरअसल, चुनाव के मद्देनजर यह समिति बहुत ही महत्वपूर्ण होती है, जो यहां के चुनाव पर पूरी तरह से निगरानी रखती है. इसमें कई नाम आगे चल रहे हैं. लेकिन पिछली बार की तुलना में देखा जाए तो यहां पर चुनाव संचालन समिति के संयोजक बनाए गए थे गजेंद्र सिंह शेखावत, सह संयोजक थे सतीश पूनिया और चुनाव प्रभारी थे प्रकाश जावड़ेकर. जिस तरीके से सबको जगह दी जा रही है, इससे अभी अनुमान लगाना बहुत ही मुश्किल है. हर दिन एक नई चर्चा शुरू हो जा रही है. सूत्रों की माने तो इसमें अभी किसी भी का नाम तय नहीं है.
किसी केंद्रीय मंत्री को मिल सकती है जिम्मेदारी
राजस्थान में बीजेपी सोशल इंजीनियरिंग को अपनाकर आगे बढ़ रही है. ऐसे में अध्यक्ष ब्राह्मण, नेता प्रतिपक्ष क्षत्रिय, जाट को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया जा चुका है. अब चुनाव संचालन.समिति में संयोजक और सह संयोजक की भूमिका भी किसी अन्य जाति से किये जाने की बात चल रही है. बीजेपी में चर्चा तो यहां तक है कि राजस्थान के किसी केंद्रीय मंत्री को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है. अर्जुन राम मेघवाल को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं.
प्रभारी और संगठन महामंत्री के बदलाव पर चर्चा
राजस्थान बीजेपी के प्रभारी राज्यसभा सांसद अरुण सिंह और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर के बदलाव की चर्चा चल रही है. बीजेपी सूत्रों की मानें तो कई बार इसपर बहस हो चुकी है. अरुण सिंह क्योंकि कर्नाटक के भी प्रभारी हैं. कर्नाटक में मई में चुनाव हैं. ऐसे में उनके यहां से हटने की चर्चा है. वहीं संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर को भी कई साल हो गए हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही इसपर निर्णय ले लिया जा सकता है.
पिछली बार से थोड़ा अलग किए जाने पर जोर
राजस्थान बीजेपी इस बार कोई भी गलती नहीं करना चाह रही है, क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार बजट और अन्य माध्यमों से जनता को हर तरह से साधने की कोशिश की है. ऐसे में बीजेपी पिछली बार से सबक लेते हुए कोई भी गलती नहीं करना चाह रही है. जिससे जनता का ठीक फीडबैक नहीं आ रहा है उसे बदला जा रहा है.
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