Govind Dev Mandir: राजस्थान की राजधानी जयपुर में आराध्य देव गोविन्द देव जी (Govind Dev Ji Mandir) को सोमवार, 5 दिसंबर से ठंड लगने लगी है. इसके लिए मंदिर प्रशासन ने गोविंद देव जी की पोशाक और भोग में बड़ा बदलाव किया है. दरअसल, मार्ग शीर्ष शुक्लपक्ष द्वादशी यानी व्यंजन द्वादशी से सब कुछ बदल जाता है. ठाकुर जी का रहना, पहनना, ओढ़ना और भोग सबकुछ शीतकाल मौसम के हिसाब से होता है. 


ऐसा मान लिया जाता है कि अब इस दिन से ठाकुर जी को ठंड लगने लगी है. सुबह, शाम और रात के हिसाब से व्यवस्थाओं में बदलाव किया जाता है. गोविंद देव जी के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को अबसे यहां चीजें बदली-बदली सी दिखेंगी.


पोशाक और भोजन में बदलाव
सोमवार से ठाकुर जी की पोशाक बदल दी गई है. अब भगवान को रजाई ओढ़ाई जाएगी. साथ ही, भगवान को मफलर, जुराब और दस्ताने भी पहना दिए गए हैं. मंदिर में सुबह हीटर और अंगीठी जलेगी ताकि शीत ऋतु में गर्भ गृह गर्म रहे. साथ ही, कच्चे भोग में मोगर, चपाती, खीर, चटनी का भोग लगाया गया है. मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी की माने तो आज मंगला झांकी के बाद से ठाकुर जी को मफलर पहना दिया गया है. गर्भगृह में अंगीठी सेवा भी जुराब और दस्ताने धारण करा दिए गए हैं.


भोग में हुआ है ये बड़ा बदलाव
जानकारी के अनुसार, परसरामनगर स्थित श्रीमन् नारायण भारती के सानिध्य में व्यंजन धाम में महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम का भोग लगाया जाएगा. शयन झांकी द्वादशी पर ठाकुर जी को तिल पट्टी, मूंगफली, गजक, रेवड़ी, गोंद के लड्डू में ठाकुर जी को हल्का गर्म दूध का भोग लगेगा. बाजरा समेत कई प्रकार के व्यंजन का ठाकुर जी को कच्चे भोग में भोग और छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी.


लोगों के लिए ये है व्यवस्था
गोविंद देव जी मंदिर के पास खूब सारी मिठाई की दुकानें हैं. वैसे ठाकुर जी को हमेशा मोदक का ही प्रसाद चढ़ाया जाता है. गोविंद देव जी को बाहर की वस्तु का भोग नहीं लगाया जाता. इतना ही नहीं, मौसम के हिसाब से दर्शन करने का समय भी बदल जाता है. मंदिर में रविवार को मौनी एकादशी मनाई गई. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु थे. मदिंर में इन दिनों दर्शनार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी है.


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