Rajasthan REET Paper Leak Case: रीट भर्ती परीक्षा अनियमितता मामला राजस्थान सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा है. प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी सीबीआई से जांच की मांग कर रही है. एक सूत्री मांग को लेकर आज बीजेपी नेताओं ने विधानसभा का घेराव किया. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बेरिकैड्स उखाड़ दिए और पुलिस से भिड़ गए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछार की. विरोध प्रदर्शन की अगुवाई बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने की. प्रदर्शन में शामिल होने के लिए हजारों कार्यकर्ता, नेता जयपुर भाजपा मुख्यालय के बाहर इक्कठा हुए और महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया.


मामला रीट परीक्षा को लेकर था लेकिन अधिकतर महिलाएं प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार से परेशान हैं. नाथी का बाड़ा से जुड़े नारे में भी भाजपा ने बदलाव किया है. मुख्यालय के बाहर मंच से संबोधित करते हुए भाजपा नेता और पदाधिकारी ने आम कार्यकर्ताओं से नाथी का बाड़ा के नारे में बदलाव करने की अपील की. मंच से प्रदेश मंत्री सरवन सिंह बागड़ी ने कहा कि नाथी का बाड़ा पवित्र स्थान है. इसलिए नाथी के बाड़े शब्द की बजाय गहलोत या डोटासरा के बाड़ा शब्द का इस्तेमाल करें.


रीट पेपर घोटाला करीब हजार करोड़ का-कटारिया


बीजेपी नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि एसओजी के अशोक राठौड़ जांच नहीं कर पाएंगे क्योंकि रीट पेपर लीक नहीं हुआ बल्कि नीलाम भी हुआ है. प्राइवेट इंस्टीट्यूट को 5 करोड़ रुपए में बेचा गया. कोचिंग संस्थान भी गोरखधंधे में लगे हुए हैं. कोचिंग संस्थानों को शह दे रहे नेताओं की जांच अशोक राठौड़ नहीं कर पाएंगे. इसलिए जांच सीबीआई कर सकती है. सीबीआई ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री को जेल भेजा था. गुलाबचंद कटारिया ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि आप सच के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. थोड़ा मुश्किल है लेकिन जीत सच की होती है और जो सबके लिए लड़ता है उसकी भगवान हमेशा मदद करता है. उन्होंने आरोप लगाया कि रीट पेपर घोटाला 500-1000 करोड़ रुपए का है. प्राइवेट इंस्टीट्यूट की बड़ी बड़ी बिल्डिंगों की भी जांच होनी चाहिए.


बीजेपी की मांग, सीबीआई से जांच कराए सरकार


बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने बताया कि रीट परीक्षा रद्द होने के बाद केन्द्रीय एजेंसी सीबीआई से जांच की एक सूत्री मांग है. एसओजी की प्रभावशाली लोगों पर कार्रवाई नहीं कर पा रही है. प्रदेश कांग्रेस सरकार मान नहीं रही है. रीट मामले में 2 अक्टूबर, 2021 को पूर्व शिक्षा मंत्री का बयान आया कि विपक्ष और बीजेपी बेवजह तूल दे रहे हैं. उन्होंने दावा किया था कि भर्ती पूरी पारदर्शी तरीके से हुई है. कोई पेपर लीक नहीं हुआ है बल्कि इस परीक्षा का नाम गिनीज बुक में दर्ज कराया जा सकता है. प्रदेश में ऐसी संगठित नकल कभी नहीं हुई. बेरोजगारों के हक पर सीधे-सीधे डाका पड़ा है. पूनिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने भाषणों और घोषणापत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने पर लाखों बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा. 70 लाख बेरोजगार अलग-अलग परीक्षाओं में शामिल हुए. नौकरियां महज 48 हजार लोगों को मिली. कुल 1 लाख 78 हजार भर्तियां निकालने की घोषणा पिछले 3 बजट में हुई. 3 साल में राज्य सरकार ने कुल 67 हजार 429 पदों पर भर्ती निकाली. रीट लेवल-2 का पेपर रद्द होने के बाद 50 हजार भर्तियां बची हैं.


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