Bhankrota Fire Incident: जयपुर-अजमेर हाइवे पर भांकरोटा के पास जो हादसा हुआ उसकी कई कहानी और बातें सामने आ चुकी है. मगर, उस हादसे में जहां अब तक 14 लोग जान गंवा चुके हैं. वहीं, आधे से ज्यादा शवों की पहचान भी नहीं हो पाई है. उन्हें पहचानने में बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. कल एसएमएस के मुर्दाघर में जहां दिनभर लाशें आती रहीं वहीं उन्हें पहचानने वाले भी दिन भर दौड़ते रहे. कोई पर्स, कोई बेल्ट तो अंगूठी आदि के पहचान से जानने की कोशिश करता रहा.
हालांकि घंटों के महिला की लाश मुर्दाघर में पड़ी रही. कई बार उसे पहचानने वाले आये और लौट गए. चूँकि, शरीर आधे से ज्यादा बुरी तरह जल चुका था. चेहरा देखकर कुछ पता नहीं चल रहा था. उसी बीच एक युवक आया और अनीता मीणा का नाम लेकर रोने लगा. उसने कहा कि अनीता मीणा उसकी बहन है. जो पुलिस कांस्टेबल हैं और चैनपुरा में तैनात थी. उनकी ही लाश यहां पर लावारिस पड़ी है. इसी बीच अनीता मीणा के पति कन्हैया भी आ गए और लाश की पहचान हो पाई.
पैर देखते ही रोने लगे
मुर्दाघर में अनीता मीणा के पति कन्हैया को अंदर ले जाया गया. वहां पर उन्होंने जैसे ही शव के पैर को देखा तुरंत पहचान गए. चूंकि, अनीता सुबह ड्यूटी पर निकली थी. बस में उन्हें बैठाकर वो लौट गए थे. कुछ देर बार जब उन्हें हादसे की सूचना मिली तो वो एसएमएस आये लेकिन उन्हें वहां भी अनीता नहीं मिली लेकिन कुछ देर बाद मुर्दाघर में ही अनीता का शव मिला.
बस्तराम ने बताई आंखों देखी
चश्मदीद बस्तराम का कहना है कि वो अनीता मीणा का भाई लगता है. उसे जैसे ही सूचना लगी की उसकी बहन भी दुर्घटना में शामिल है. वो अपने जीजा दूदू निवासी कन्हैया मीणा के साथ एसएमएस जयपुर आया. लेकिन वहां भी कोई जानकारी नहीं मिली. 28 वर्षीय अनीता मीणा अपने दोनों पैरों में रिंग पहनती थी. उसी से पहचान हो पाई है.
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