कांग्रेस विधायक गोपाल मीणा ने ख़ुद पर एक दलित से जूते चटवाने के आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है. गोपाल मीणा ने कहा कि वो उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज करवाने वाले दलित से केवल एक बार मिले हैं वो भी तब जब रिटायर्ड डीजी नवदीप सिंह उसे लेकर उनके घर आये थे. इससे पहले वो कभी इस दलित से नहीं मिले. गोपाल मीणा कांग्रेस के जमवारामगढ़ विधायक हैं और उनके ख़िलाफ़ दलित से जूते चटवाने का मुक़दमा दर्ज हुआ है जिसकी जांच चल रही है.
बता दें कि जयपुर में एमपी के सीधी कांड जैसा एक मामला सामने आया है. जयपुर में एक कांग्रेस विधायक पर एक दलित पर पेशाब करने और उससे जूते साफ करने के आरोप लगे हैं. इस मामले के पीड़ित का कहना है कि एक पुलिस अधिकारी ने उसके ऊपर पेशाब कर दिया.
राजस्थान में दलित के साथ बदसुलूकी के आरोपों पर राजस्थान सरकार का बयान सामने आया है, इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया गया है.जिले के जमवारामगढ़ इलाके में अपहरण कर पीटने, पेशाब करने और जूते चटवाने जैसे आरोपों के साथ मामला दर्ज करवाने के मामले की तफ्तीश में यह पूरी तरह निराधार और झूठा पाया गया है. राजस्थान सरकार की ओर से इस बाबत प्रेस नोट जारी कर इसे स्पष्ट कर दिया गया है.
राजस्थान सरकार के गृह विभाग की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक प्रारम्भिक जांच के अनुसार यह मामला सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी नवदीप सिंह की शह पर दर्ज करवाया गया है. उल्लेखनीय है कि नवदीप सिंह का कई वर्षों से जमवारामगढ़ इलाके के गांव टोडालडी आंधी में इस जमीन पर निवास कर रहे स्थानीय कब्जाधारी आदिवासी व दलित समुदाय के लोगों से विवाद चल रहा है.
पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप
नवदीप सिंह ने इन कब्जों को हटाने के लिए अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल करते हुए दूसरे हलके के पटवारी को बुलाकर पत्थरगढ़ी करवानी चाही. इन्होंने पुलिस अधिकारियों पर भी दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन संभावित अवैधानिकता व कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पुलिस इनके नाजायज दबाव में नहीं आई.
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