Jaipur Education Hub: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जयपुर आनेवाले छात्रों के लिए अहम खबर
Education Hub in Jaipur: हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट में करीब तीन सौ करोड़ रुपये का खर्च किया जाना प्रस्तावित है. इससे बोर्ड को 450 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है. 90 शोरूम भी बनकर तैयार हो गये हैं.
Education Hub in Jaipur: राजस्थान के जयपुर में एजुकेशन हब तैयार हो रहा है. एक साथ 40 हजार छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये कोचिंग कर सकेंगे. राज्य सरकार का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट प्रताप नगर के सेक्टर 16 में बन रहा है. हाउसिंग बोर्ड की ओर से तैयार किए जा रहे कोचिंग हब में पांच टावर्स के साथ पहला चरण बनकर लगभग तैयार हो गया है. अगले दो महीनों बाद ऑक्शन और आंवटन की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है. हाउसिंग बोर्ड कमीश्नर पवन अरोड़ा का कहना है कि कमर्शियल प्रॉपर्टी में भी डील की जा रही है.
हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट में 300 करोड़ खर्च का अनुमान
आगामी डेढ़ महीने में कोचिंग संस्थानों को जगह आवंटन की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है. हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट में करीब तीन सौ करोड़ रुपये का खर्च किया जाना प्रस्तावित है. इससे बोर्ड को 450 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है. 90 शोरूम भी बनकर तैयार हो गये हैं. टावर में 500 से 6200 वर्ग फीट के स्पेस डिजाइन हैं. कोचिंग संचालक सुविधा के अनुसार स्पेस को उपयोग में ले सकते हैं. अरोड़ा के अनुसार कोचिंग हब का 60 फीसदी क्षेत्र खुला रखा गया है. वेलनेस सेंटर, योग, जिम समेत सेंट्रल लाइब्रेरी और ऑडिटोरियम तैयार करने का मंसूबा है.
आगामी चरण में हॉस्टल, गेस्ट हाउस और स्टूडियो अपार्टमेंट बनाया जाना प्रस्तावित है. सात-सात मंजिला पांच टावर का निर्माण पूरा हो गया है. दूसरे चरण में अब तीन टावर और बनाए जाएंगे. अब भीतरी सड़कों के साथ ही फिनिशिंग और सौंदर्यीकरण के काम होंगे. इसी के साथ बेसमेंट में पार्किंग के लिए जगह आरक्षित की गई है. राजधानी के कोचिंग संचालक काफी उत्साहित हैं. लेकिन उनका कहना है कि आवंटन में शर्तें बरसों से कोचिंग चला रहे संचालकों के लिए आसान होने चाहिए. एक ही कोचिंग हब बनाने से समाधान नहीं हो सकता.
मध्य प्रदेश की सियासत में उमा भारती ने लगाया धार्मिक और सामाजिक आंदोलन का तड़का, क्या हैं मायने?
एक कोचिंग हब के निर्माण से नहीं होगा छात्रों का लोड कम
राजधानी में आज एक लाख से ज्यादा छात्र प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से कोचिंग की पढ़ाई के लिए आते हैं. ऐसे में इस तरह के और भी कोचिंग हब की जरूरत राजधानी में एक दूसरे छोर पर होगी. इससे छात्रों का दबाव भी एक ही स्थान पर नहीं पड़ेगा. कोचिंग हब का बनना राजधानी के लोगों के लिए भी राहत की बात है. तंग गलियों में चलने वाले कोचिंग संस्थान हट जाएंगे. ट्रैफिक और पार्किंग का लोड भी कम होगा. उम्मीद की जा रही है कि अगले वर्ष दिसंबर तक कोचिंग हब के दोनों चरणों का काम पूरा जाएगा. लेकिन इसके बाद भी क्या सभी कोचिंग संस्थाओं को शिफ्ट किया जा सकेगा?