Rajasthan News: जयपुर में प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज के मामले ने सियासी रंग ले लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि छात्रों पर पुलिस का बल प्रयोग करना घोर निंदनीय है. बता दें कि राजस्थान के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव बहाल करवाने की मांग तेज हो गयी है. छात्र आंदोलन को राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिलने लगा है. राजस्थान यूनिवर्सिटी के बाहर छात्रों का धरना प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शनकारी छात्र नेता छात्रसंघ चुनाव बहाली की मांग पर अड़े हैं. 


धरना प्रदर्शन के दौरान छात्र नारेबाजी कर रहे थे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया. हलका बल प्रयोग से एनएसयूआई के कई नेता चोटिल हो गये. लाठीचार्ज की घटना से तनाव की स्थिति पैदा हो गयी. पुलिस ने तनाव की स्थिति को देखते हुए घटनास्थल पर पर्याप्त जाब्ता लगाया है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सरकार को बताना चाहिए कि छात्रसंघ चुनाव करवा से पीछे क्यों हट रही है. छात्रों की जायज मांग पर पुलिस-प्रशासन का भय दिखाकर आंदोलन को दबाना समझ से परे है." 






छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना दुर्भाग्यपूर्ण- अशोक गहलोत


गौरतलब है कि गुरुवार को एनएसयूआई, एबीवीपी और अन्य संगठनों का समर्थन छात्रों के धरना प्रदर्शन को मिल गया. प्रदर्शनकारी छात्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे थे. उनका कहना था कि विधानसभा चुनाव के दौरान घोषणा पत्र में बीजेपी ने छात्रसंघ चुनाव बहाली का मुद्दा शामिल किया था. सत्ता में आने के बाद बीजेपी का रवैया अब छात्रसंघ चुनाव पर ढुलमुल हो गया है.


सरकार की दमनकारी नीति से डर और भय-टीकाराम जूली


नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर की गयी कार्रवाई को दमनकारी नीति बताया है. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए छात्रसंघ बहाली के मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हर समय लाठी और थप्पड़ के डर से भय का माहौल पैदा हो गया है.


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