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Jaipur Foundation Day: 295 साल की हुई पिंक सिटी, जानिए- पर्यटन के लिहाज से क्यों है खास?
Happy Birthday Jaipur: स्थापना दिवस पर जयपुर में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. शहर हेरिटेज, वास्तु कला, परंपरा और ऐतिहासिक विरासत को समेटे हुए है.
Happy Birthday Jaipur: क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत के सबसे बड़े राज्य की राजधानी जयपुर का आज स्थापना दिवस (Jaipur Foundation Day) है. जयपुर शहर की उम्र 295 साल की हो चुकी है. खूबसूरत शहर तीन ओर से अरावली की पर्वतमाला से घिरा हुआ है. शहर को दुनिया में गुलाबी नगरी, कला नगरी ,सांस्कृतिक राजधानी के नामों से भी जाना जाता है.
दुनिया भर में सांस्कृतिक पहचान रखने वाला खूबसूरत और आकर्षक पिंकसिटी अपने अंदर हेरिटेज, वास्तु कला, परंपरा और ऐतिहासिक विरासत को समेटे हुए है. अम्बेर का किला, नाहरगढ़ का किला, हवामहल, शीश महल, गणेशपोल और जल महल शहर के लोकप्रिय स्थान हैं. स्थापना दिवस पर जानिए जयपुर में क्या कुछ खास है.
स्थापना दिवस पर जानिए जयपुर के बारे में
जयपुर शहर यानि गुलाबी नगरी की स्थापना 18 नवंबर 1727 को कछवाहा वंश के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने बंगाल के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य की मदद से की थी. देश में पहली बार शहर का निर्माण वास्तु शास्त्र के अनुसार किया गया था. हिंदू वास्तुकला का शानदार उदाहरण जयपुर पिता पड़ा रूप यानी 8 भागों के मंडल में बना हुआ है. महाराजा खगोल विज्ञान के बारे में जानकारी रखते थे और इसी कारण उन्होंने 9 के अंक को ज्यादा महत्व दिया. शहर के निर्माण में 9 अंक का ध्यान रखा गया. उनका मानना था कि 9 अंक नवग्रह के प्रतीत होते हैं.
जयपुर शहर की पहचान महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी ढोलपुरी पत्थरों से होती है. सुंदर भवन का निर्माण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. जयपुर राजस्थान की राजधानी के साथ-साथ प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है. शहर प्रतिष्ठित 18वीं शताब्दी की याद दिलाता है. इसका श्रेय खगोल विज्ञानी महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय को जाता है.
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9 मील में बसा शहर लगातार बढ़ रहा आगे
स्थापना के समय 9 मील में बसा जयपुर शहर लगातार आगे बढ़ रहा है. जयपुर शहर का विस्तार कई किलोमीटर दूर तक फैल चुका है. स्थापना के समय जयपुर शहर में कम आबादी थी. अब मेट्रो सिटी के रूप में लगातार बढ़ रहा है और अब लगभग आबादी 70 लाख के पार जा चुकी है. अभी भी इसके विस्तार की संभावनाएं बेशुमार बनी हुई हैं. जयपुर शहर के तीन स्थानों को यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज साइट का दर्जा मिला हुआ है. इनमें जयपुर की ओल्ड सिटी, आमेर फोर्ट और जंतर मंतर शामिल हैं.
अम्बेर के राजा सवाई जयसिंह द्वितीय अपनी राजधानी का विस्तार समतल मैदानी भाग में करना चाहते थे. उन्होंने 1727 में जयपुर शहर की नींव रखी. उनके नाम पर बने शहर का नाम सवाई जैपुर रखा गया. धीरे-धरे इसका नाम बोलचाल में आसानी के लिए जयपुर हो गया. स्थानीय भाषा में आज भी पुराने लोग जयपुर को जैपर कहते हैं. देश दुनिया के मानचित्र में जयपुर शहर का हवामहल एक खास पहचान रखता है. हवामहल का निर्माण ईसवी सन 1799 में किया गया था.
राजघराने की शाही महिलाओं को रैली देखने के उद्देश्य से हवामहल तैयार किया गया था. पुराने शहर की मुख्य गलियों के साथ पांच मंजिला इमारत गुलाबी रंग में अर्ध अष्टभुजाकार और परिष्कृत छतेंदार बलुआ पत्थर की खिड़कियों से सुसज्जित है. हवा महल में कुल 953 खिड़कियां हैं. इन खिड़कियों से जब हवा एक खिड़की से दूसरी खिड़की की ओर गुजरती है तो ऐसा महसूस होता है जैसे कूलर चल रहा हो. हवामहल में खड़े होकर शुद्ध और ताजी हवा का पूरा एहसास लिया जा सकता है.