Gaukriti Jaipur Products: गोबर से बनाई जा रहीं भगवान जी की प्रतिमाएं, राखी और लिफाफे जहां फेकेंगे वहीं उग जाएंगे 12 तरह के पौधे
गौकृति जयपुर गोबर से 70 तरह के प्रोडक्ट बनाती है जो ईको फ्रेंडली हैं. वे गोबर से भगवान की प्रतिमाएं, धूपबत्ती, राखी और कई तरह के ऐसे प्रोडक्टस बनाते हैं जिन्हें कहीं फेंका जाए तो वहां पौधा उग जाएगा.
Gaukriti Jaipur Products: कोटा में लग रहे एमएसएमई मेले में कई प्रोडक्ट ऐसे आए हैं जो लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं. सबसे अधिक चर्चा में गोबर से बनी वस्तुएं लोगों का ध्यान खींच रही हैं. इन वस्तुओं में जन्म से लेकर अंत तक की व्यवस्थाएं की गई हैं. शादी समारोह की बात हो या घर परिवार में दैनिक उपयोग की वस्तु हो सभी गोबर से बन रही हैं, जिसका प्रचलन भी तेजी से हो रहा है. गौकृति जयपुर में एक से बढ़कर एक वस्तुएं बनाई जा रही हैं.
गौकृति जयपुर से आए भीमराज ने बताया कि वह गोबर से 70 तरह के प्रोडक्ट बनाते हैं जो पूरी तरह से ईको फ्रेंडली हैं. उन्होंने कहा कि वह गोबर से भगवान की प्रतिमाएं बनाते हैं. इन प्रतिमाओं में भगवान गणेशजी, हनुमान जी, लक्ष्मी जी, सूर्य देवता सहित कई देवी देवताओं की प्रतिमाएं गोबर से बनाई जा रही हैं, जिनकी पूजा अर्चना घरों में होने लगी है.
प्रधानमंत्री को भेजते हैं गोबर की राखी
इसके साथ ही लिफाफे ऐसे बनाते हैं जिसके अंदर कई तरह के बीज डाले जाते हैं. जो दिखाई नहीं देते लेकिन जब शादी समारोह में लिफाफा दिया जाता है और अगर वह कहीं भी फेंक दिया जाए तो वह जमीन में उग जाएगा. उसके अंदर इस तरह के बीज रहते हैं जो 12 माह में जब भी जमीन के सम्पर्क में आएंगे पौधे बन जाएंगे. भीमराज ने बताया कि वह पिछले कई सालों से प्रधानमंत्री को राखी भेजते आ रहे हैं, जिसके बाद प्रधानमंत्री के यहां से उन्हें शुभकामना संदेश के साथ प्रमाण पत्र आते हैं. मोदी की राखी गोबर से बनाई जाती है और जूट का धागा होता है. इसके साथ ही वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी यही राखी भेजते हैं.
गोबर की धूपबत्ती, हनुमान चालीसा भी गोबर की
उन्होंने कहा कि उन्होंने गोबर और कॉटन के पेस्ट से कागज बनाया और उस पर हनुमान चालीसा लिखी है जो बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश तो दे ही रही हैं साथ ही उन्हें धर्म से भी जोड़ रही है. उन्होंने गोबर से धूपबत्ती भी बनाई है जो घर में लगाने से प्राकृतिक सुगंध फैलाती है. इसमें कोई केमिकल नहीं होता. इसके साथ ही हवन सामग्री भी गोबर से बनाई गई है. जयपुर की गौकृति संस्था ने भी कोटा में स्टॉल लगाई हैं जहां भीड़ उमड़ रही है.
भीमराज कहते हैं कि उनकी दुकान पर जो भी आईटम हैं वह 100 प्रतिशत कॉटन और गोबर से बने हैं. इसमें पेड से बने पेपर का बिल्कुल भी उपयोग नहीं हैं. इसमें गोबर, गोमूत्र और कॉटन की वेस्टेज है. इन प्रोडक्ट में मास्क, हवन कुंड, डायरिया, स्लीप पेड़, बॉक्स, धूप, फ्रेमिंग, डेकोरेटिव आइटम, सजावटी तस्वीर, राखी, लटकन, शादी-विवाह में दिए जाने वाले गिफ्ट, लिफाफे, मास्क, गुलाल, सहित कई आइटम शामिल हैं.