Jaipur Literature Festival 2024: राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी में आज से साहित्य का सबसे बड़ा उत्सव जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल शुरू हो चुका है. इसे साहित्य का महाकुंभ भी कहा जाता है. पांच दिन तक चलने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन कार्यक्रम में पहुंचे आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में दो भारत हैं. दोनों में खाइयां बढ़ती जा रही है. इनकी दूरी कम करने के लिए काम करना है. उन्होंने कहा कि इसे कम करने के लिए देश के हर घर में एक अच्छी नौकरी होनी चाहिए. इसके लिए सरकार को काम करने चाहिए.
सेशन के दौरान रघुराम राजन ने कहा कि बिना रोजगार के स्थिति बिगड़ती जा रही है. विकसित देश में पहले लोग खेती छोड़ कर नौकरी और मैन्यूफैक्चरिंग में जाते थे. मगर, पिछले दो साल से लोग खेती की तरफ जा रहे हैं. क्योंकि, नौकरी और मैन्युफैक्चरिंग की तरफ से लोग खेती की तरफ जा रहे हैं. इससे वीकर सेक्शन को परेशानी आ रही है. देश में एक कमजोर वर्ग और मजबूत वर्ग बन गया है. देश में जो 50 फीसदी लोग हैं उन्हें ही सब कुछ मिल रहा है. एक अच्छी बात है कि किसी को कुछ मिल रहा है. लेकिन दूसरे वर्ग को भी कुछ मिलना चाहिए. बस एक ही वर्ग के लिए काम किया जाना ठीक नहीं है.
देश में डिसेंट्रलाइजेशन जरूरी
उन्होंने ये भी कहा कि देश में डिसेंट्रलाइजेशन बहुत जरूरी है. केन्द्रीकरण ही ठीक नहीं है. देश में एक ही केंद्र नहीं होने चाहिए. सबसे बेहतर होता है कि हर घर में नौकरी जरूरी है. तभी जाकर चीजें बेहतर होगी ज्यादा से ज्यादा नौकरी क्रिएट करनी होगी कैसे करें इसपर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी की दर बढ़ रही है. इसके अमीरी और गरीबी की दूरी बढ़ेगी. रघुराम राजन ने कहा कि सरकारों को फ्री की चीजें नहीं देनी चाहिए. इससे समस्या और बढ़ेगी. सभी को रोजगार और नौकरी देने पर काम करना होगा.
साहित्य का सबसे बड़ा उतस्व जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में 24 भाषाओं में स्पीकर शामिल होंगे. इसमें 16 भारतीय और 8 विदेशी भाषा शामिल है. इसमें असमी, अवधी, बंगाली, अवधी, कन्नड़, कश्मीरी, करुख, मलयालम, ओड़िया, पंजाबी, राजस्थानी, संस्कृत, तमिल, तोड़ा, उर्दू और लमानी जैसी भारतीय भाषा शामिल है.
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