Rajasthan: जयपुर में पांच दिन के लिए लगेगा Literature Festival, दिखेगा साहित्य-कला और संस्कृति का संगम
JLF 2023: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 16 वे संस्करण को खास बनाने की तैयारी है. कोरोना काल के बाद उत्साह जगाने का प्रयास किया गया है. साहित्य, कला और संस्कृति की ताकत का जश्न मनाया जायेगा.
Jaipur Literature Festival: 19 से 23 जनवरी तक चलने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का फोकस इस बार भारतीय भाषाओँ पर रहेगा. साहित्य, कला और संस्कृति की ताकत का जश्न मनाया जायेगा. फेस्टिवल के 16वें संस्करण में 21 भारतीय और 14 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं को पेश किया जायेगा. एक विशेष सत्र में अलका सरावगी और उपन्यासकार, टोकरी में दिगंत के लिए साहित्य अकादमी अवार्ड से सम्मानित अनामिका हिस्सा लेंगी. एक सत्र इंटरनेशनल बुकर प्राइज विजेता गीतांजलि श्री और उनकी अनुवादक डेजी रॉकवेल के नाम रहेगा.
सत्र संचालन साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार विजेता तनुज सोलंकी करेंगे. सत्र का फोकस हिंदी के मूल उपन्यास ‘रेत समाधि’ पर रहेगा और उसके माध्यम से कहानी कहने की प्रयोगात्मक कला, विषयांतर और वृद्ध नायिका के नजरिये से विभाजन को समझा जायेगा.
हिंदी भाषा पर चर्चा
विश्व की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी चौथे स्थान पर है. प्रत्येक स्थान पर, स्थानीय शब्दों और लहजे ने हिंदी का एक नया रूप गढ़ लिया है. भाषा और अनुभव का विस्तार हमेशा कुछ नया गढ़ने के लिए तैयार लेखकों के काम में नज़र आता है. साहित्य के महाकुंभ में उपन्यासकार अनामिका, इंटरनेशनल बुकर प्राइज विजेता गीतांजलि श्री, लेखक नंद भारद्वाज और पुष्पेश पंत से ‘एक हिंदी अनेक हिंदी’ नामक सत्र में जाने-माने कवि, संगीत और सिनेमा के विद्वान यतीन्द्र मिश्र संवाद करेंगे.
बुक लॉन्च सेक्शन
लेखिका और बड़े साहित्यिक उत्सव की को-डायरेक्टर और फाउंडर नमिता गोखले और अनुवादक पुष्पेश पंत और प्रभात रंजन से संवाद करेंगी. प्रकाशक अदिति महेश्वरी गोयल इस अवसर पर टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और फेस्टिवल के प्रोडूसर, संजॉय के रॉय, प्रसिद्ध लेखक, इतिहासकार और फेस्टिवल के को-डायरेक्टर, विलियम डेलरिम्पल और वाणी प्रकाशन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर और वाणी फाउंडेशन के चेयरमैन, अरुण महेश्वरी लोकार्पण के बाद गोखले की दिलचस्प किताब ‘जयपुर जर्नल’ के मज़ेदार हिंदी अनुवाद ‘जयपुरनामा’ पर चर्चा की जाएगी. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के बेकड्रॉप पर आधारित उपन्यास मानो श्रोताओं के दिल की बात बयां कर देता है.