Rajasthan News: राजस्थान में अंग्रेजी मीडियम स्कूलों पर सियासी घमासान मचा हुआ है. सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं. कांग्रेस के नेता सरकार पर हमलावर हैं. अब शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने बिना किसी ठोस रणनीति के हिंदी मीडियम स्कूलों को अंग्रेजी स्कूलों में बदल दिया. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस शासनकाल में अंग्रेजी मीडियम का एक भी नया स्कूल नहीं खुला. हिंदी मीडियम स्कूलों के छात्रों को भटकना पड़ रहा है या पढ़ाई छोड़ दी है.
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने पूछा कि गोविंद सिंह डोटासरा समीक्षा से क्यों घबरा रहे हैं? समीक्षा से कांग्रेस के कार्यकाल की हकीकत सामने आ जाएगी. कांग्रेस के जरिए खोले गए 3737 में से 1826 स्कूलों में 8 से भी कम क्लास रूम उपलब्ध हैं. अंग्रेजी माध्यम के 17 स्कूलों में नामांकन शून्य है. 65 स्कूलों में 10 से भी कम नामांकन है. उन्होंने 176 अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को दोबारा हिंदी मीडियम में बदलने पर सवाल उठाये. अंग्रेजी माध्यम के 3737 स्कूलों में 2020-21 के मुकाबले लगभग 1 लाख का नामांकन कम हुआ है.
कांग्रेस के वार पर शिक्षा मंत्री का पलटवार
दौसा शहर के एक स्कूल में नामांकन 1520 से घटकर 396 रह गया. धौलपुर के एक स्कूल में 852 बच्चों का नामांकन घटकर आधा हो गया. कुल 1300 स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तन के बाद नामांकन कम हुआ है. कांग्रेस ने 3737 स्कूलों में केवल 13790 पद स्वीकृत किए जबकि डोटासरा कह रहे है कि 45300 नए पदों को स्वीकृति दी गई.
उन्होंने बताया कि बीजेपी की सरकार आने के बाद 15000 पद स्वीकृत करने की कार्रवाई चल रही है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में संविदा पर 10,000 कार्मिक लगाने का दावा झूठा है. केवल 3676 संविदा कार्मिक ही कार्यरत हैं. 4500 से अधिक हिंदी मीडियम स्कूलों को क्रमोन्नत करने के बाद भी पद स्वीकृत नहीं किया गया.
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