Rajasthan: अशोक गहलोत सरकार के सामने बड़ी मुश्किल, जयपुर में 5 हजार कर्मचारियों ने बंद कर दिया काम, जानें क्यों
Rajasthan Sanitation Workers Protest: जयपुर नगर निगम ग्रेटर के डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावत का कहना है कि यह राज्य सरकार के स्तर का काम है. उन्हें देखना चाहिए सफ़ाई कर्मचारी क्यों काम बंद कर देते हैं.
Rajasthan Sanitation Workers Protest: अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है. मंगलवार को दोनों नगर निगमों के लगभग 60 प्रतिशत वाल्मीकि समाज (Walmiki Samaj) के सफाई कमर्चारी हड़ताल पर हैं. उनकी मांग है कि जो सफाई कमर्चारी की भर्ती हो रही है, उसमें वाल्मीकि समाज के लोगों की भर्ती होनी चाहिए. जबकि, अभी केवल 12 प्रतिशत ही इनके लिए आरक्षित हैं. ऐसे में अब सरकर के लिए संकट खड़ा हो गया है. इसे संवैधानिक तौर पर कर पाना संभव नहीं हैं. जैसे पहले भर्ती हुई है, वैसी ही इस बार भी होने की पूरी सम्भवना है.
यहां पड़ेगा प्रभाव
दोनों ग्रेटर और हैरिटेज निगमों में कुल 8 हजार सफाई कमर्चारी हैं. इनमें 60 प्रतिशत वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारी हैं. कुल 5 हजार के आसपास सफाई कर्मचारी अब सरकार के खिलाफ हड़ताल पर हैं. ऐसे में जयपुर शहर में कूड़ा नहीं उठ पायेगा. झाड़ू भी नहीं लग पाएगी. इससे सफाई की पूरी व्यवस्था चरमरा जाएगी.
ऐसे होनी है बहाली
राजस्थान सरकार एक साथ 13 हजार 184 पदों पर नगरीय निकायों (नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद) में सफाई कर्मचारियों की भर्ती करेगी. इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन 15 मई से शुरू होंगे. साल 2018 यानि 5 साल के लंबे इंतजार के बाद राज्य में अब सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है. स्वशासन निदेशालय ने सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर एक विज्ञप्ति जारी की है. इसके बाद से बवाल मचा हुआ है. पांच साल पहले 2018 में 11 हजार सफाईकर्मियों की पदों की भर्ती निकाली गई थी. अब पांच साल बाद जब दोबारा भर्ती की जा रही है, तो सफाई कर्मचारियों की भर्ती से पहले विवाद शुरू हो गया है.
सरकार को देना होगा ध्यान
जयपुर नगर निगम ग्रेटर के डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावत का कहना है कि यह राज्य सरकार के स्तर का काम है. उन्हें अपने स्तर पर देखना चाहिए. आखिर बार-बार सफ़ाई कर्मचारी क्यों काम बंद कर देते हैं. हम अपने स्तर पर कर काम रहे हैं.
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