Rajasthan News: राजस्थान में लिंग परीक्षण की शिकायत करने पर मिलेंगे 3 लाख रुपये, गहलोत सरकार का फैसला
राजस्थान सरकार ने लिंग परीक्षण में शामिल डॉक्टरों और अन्य लोगों पर अंकुश लगाने के लिए मुखबिर योजना की शुरुआत की थी. अब इस योजना के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ा दिया गया है.
Rajasthan News: राजस्थान में कन्या भ्रूण जांच करने या भ्रूण हत्या करने की एक शिकायत पर अब 3 लाख का इनाम मिलेगा. पहले 2 लाख का इनाम दिया जाता था. जिसे सरकार ने बढ़ाकर 3 लाख कर दिया है. कोख में पल रही बेटियों को बचाने के लिए राज्य सरकार ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत मुखबिर योजना को अधिक प्रभावी बनाया है. अब इस योजना के तहत भ्रूण लिंग जांच या कन्या भ्रूण हत्या की सूचना देने वाले को प्रोत्साहन राशि 3 लाख रुपए दी जा रही है.
दरअसल राजस्थान के कई जिलों में लिंग परीक्षण की घटनाएं आम हैं. हालांकि केंद्र व राज्य सरकार की योजना चलाकर ऐसी घटनाओं को रोकने का काम कर रही हैं. आंकड़ों के अनुसार राजस्थान पीसीपीएनडीटी की टीम हर वर्ष 3 से 4 डिकॉय ऑपरेशन के तहत कार्रवाई करती है. यह सभी कार्रवाइयां मुखबिर की सूचना पर ही होती है.
तीन किस्तों में मिलेगी राशि
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी महेंद्र त्रिपाठी ने लोगों से अपील की है कि भ्रूण लिंग जांच या कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध में संलिप्त लोगों की सूचना हमें दें, ताकि प्रभावी कार्रवाई की जा सके. सीएमएचओ ने बताया कि पूर्व में मुखबिर योजना में तीन किश्तों में 2 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती थी, वहीं अब इसे और मजबूत बनाते हुए सफल डिकॉय ऑपरेशन पर मुखबिर, डिकॉय गर्भवती महिला एवं सहयोगी को दो किस्तों में कुल तीन लाख रुपए दिए जाएंगे. पहले 2 लाख रुपए की पहली किश्त सफल डिकॉय होने पर, दूसरी किस्त कोर्ट में परिवाद दर्ज होने और तीसरी किस्त फैसला आने पर दी जाती थी.
गर्भवती महिला को अब दो किश्तों में डेढ़ लाख
लिंग परीक्षण की सूचना देने वाली अब गर्भवती महिला को दो किस्तों में कुल डेढ़ लाख रुपए की राशि इनाम के रूप में दी जाएगी. पूर्व में मुखबिर को तीन किस्तों में 33,250 प्रति किश्त, सहयोगी को 16,625 रुपए प्रति किश्त मिलते थे, अब मुखबिर को दो किस्तों में 50-50 हजार रुपए, सहयोगी को 25-25 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि का भुगतान तीन लाख रुपए मिलेगा.
डॉ महेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मुखबिर डिकॉय गर्भवती महिला एवं सहयोगी को पहली किस्त सफल डिकॉय ऑपरेशन में गर्भवती की अहम भूमिका रहती है. गर्भस्थ शिशु की जोखिम एवं गर्भवती महिला को परेशानी को ध्यान में रखते हुए गर्भवती महिला की राशि में बढ़ोतरी की गई है. पहले गर्भवती महिला को तीन किस्तों में कुल एक लाख रुपए की डिकॉय होने और दूसरी किश्त राशि दी जाती थी. न्यायालय में अभियोजन पक्ष के समर्थन में बयान के बाद दी जाती थी.
इन टोल फ्री नंबरों पर करें शिकायत
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि राशि बढ़ाए जाने पर आमजन का भ्रूण लिंग परीक्षण रोकथाम में सहयोग मिलेगा. आमजन से भ्रूण लिंग परीक्षण की रोकथाम में सहयोग करने एवं इसकी शिकायत टोल फ्री नम्बर 104/108 एवं वाट्सएप नम्बर 9799997795 पर कर सकते है. शिकायत पर विभाग सूचना का सत्यापन करवा कर राजस्थान भर में किसी भी जिले की टीम संबंधित सूचना पर कार्रवाई करेगी.
एक सूचना पर बन सकते है लखपति
राजस्थान सरकार ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत भ्रूण लिंग परीक्षण जैसे अपराधों को रोकने के लिए प्रभावी काम किया है. लिंग परीक्षण में शामिल डॉक्टरों और अन्य लोगों पर अंकुश लगाने के लिए मुखबिर योजना की शुरुआत की थी. अब इस योजना के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ा दिया गया है.
पहले मुखबिरों को मिलते थे ढाई लाख
जहां पहले मुखबिरों को ढाई लाख रुपये दिए जाते थे, वहीं अब इस योजना में सरकार का सहयोग करने वालों को तीन लाख रुपये दिए जा रहे है. राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर के सभी जिले के सीएमएचओ को पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत जागरूकता लाने के लिए निर्देश दिए हैं और व्यापक तौर पर प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी दी है. स्वास्थ्य विभाग ने समाज से अपील की है कि वह खुलकर ऐसी कुप्रथाओं का विरोध करें और अंकुश लगाएं उनकी एक सूचना उन्हें लखपति बना सकती है.
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