Rajasthan Politics: राजस्थान में 28 दिसंबर के बाद एक फिर बढ़ेगी सियासी हलचल, खुलेगा विधायकों के इस्तीफे का 'राज'
Rajasthan News: सियासी दांवपेंच का खेल कांग्रेस में चल रहा है, लेकिन मैदान में पूरी तरह से डटे हैं बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़. उन्होंने ही 91 विधायकों के इस्तीफों पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
Jaipur News: राजस्थान (Rajasthan) में सियासी 'पेंच' अभी भी फंसा हुआ है. बस इंतजार है 28 दिसंबर का, क्योंकि हाईकोर्ट द्वारा विधानसभा स्पीकर से 91 विधायकों के इस्तीफों का जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है. इसकी डेडलाइन 28 दिसंबर को पूरी हो रही है, तो क्या इसके पहले ही स्पीकर जवाब दे सकते हैं या 28 के बाद देंगे. सूत्रों की माने तो स्पीकर इसका जवाब 21 दिसंबर के बाद किसी भी दिन दे सकते हैं. बस इंतजार है राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान से जाने का. ऐसे में माना जा रहा है सूबे में सियासी हलचल एक बार फिर तेज होगी.
सियासी दांवपेंच का खेल कांग्रेस में चल रहा है, लेकिन मैदान में पूरी तरह से डटे हैं बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़. उन्होंने ही 91 विधायकों के इस्तीफों पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उनकी याचिका पर छह दिसंबर को हाईकोर्ट ने स्पीकर को नोटिस जारी करके पूछा था कि उन्होंने इस्तीफों पर अभी तक फैसला क्यों नहीं किया? अब स्पीकर को तीन हफ्ते में हाईकोर्ट को जवाब देना है. तो क्या जवाब दिया जाए, इसपर एक बार फिर से संवैधानिक 'टकराहट' दिख सकती है, लेकिन 28 दिसंबर बड़ा खास दिन होता हुआ दिखाई दे रहा है.
सियासी तनाव है बरकरार
कांग्रेस में सियासी तनाव बरकरार है. दोनों गुट भी दिख रहे हैं. बस भारत जोड़ो यात्रा को देखते हुए कोई बयानबाजी नहीं कर रहा है. सूत्र बता रहे हैं कि गुजरात और हिमाचल चुनाव के परिणाम की भी अंदरखाने खूब चर्चा है. यहां यह देखा जा रहा है कि इसका असर भी 21 दिसंबर के बाद दिखेगा.
वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपनी कसरत शुरू कर दी है. उनका कहना है कि सभी की बात सुनी जाएगी. संगठन को फिर से एक बार मजबूती के साथ चुनाव के लिए खड़ा करना है, लेकिन इन बड़े नेताओं के बीच चले रहे तनाव को कितना कम कर पाएंगे यह भी देखना होगा?
25 सितंबर का सियासी 'ड्रामा'
राजस्थान में 25 सितम्बर को एक बड़ा सियासी ड्रामा हुआ था. जिसमें कांग्रेस के 91 विधायकों के इस्तीफे की बात सामने आई थी. तभी से विधायकों के इस्तीफे की रोज नई कहानी गढ़ दी जाती है. इस पर न तो विधानसभा अध्यक्ष ने कुछ बोला और न ही मुख्यमंत्री की तरफ से कोई जवाब आया है. अब हाईकोर्ट की नोटिस के बाद यह मामला साफ होने वाला है.
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