Jaipur Pigeon Problem: जयपुर घूमने के लिहाज से बेहद खूबसूरत शहर. यहां के टूरिज्म की शान बढ़ाते हैं कबूतर, जिनकी वजह से तस्वीरें सुंदर आती हैं. हालांकि, ये सुंदरता आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा रही है! 


दरअसल, एक्सपर्ट डॉक्टर्स का कहना है कि शहर में बढ़ रही कबूतरों की संख्या की वजह से फेफड़ों की बीमारियां भी बढ़ रही हैं. सरकारी और निजी अस्पतालों में ऐसे कई मरीज आ रहे हैं, जिन्हें लंग्स की शिकायत है. इसका बड़ा कारण कबूतर हो सकते हैं. 


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पतालों में कई मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ के सात साथ खांसी की समस्या हो रही है. 


कबूतरों की वजह से लंग्स की गंभीर बीमारियां
इसका एक उदाहरण भी सामने आया है. एक व्यक्ति जिसे बीते करीब एक साल से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, हाल ही उसे ILD (Interstitial Lung Disease) की बीमारी निकली. वह बीते 3-4 साल से रामनिवास बाघ पर कबूतरों को दाना खिलाता था और उसके घर के आस-पास भी बहुत कबूतर रहते हैं. 


पहले मरीज को अस्थमा के शक में इन्हेलर दिया जा रहा था, लेकिन उससे ज्यादा फायदा नहीं हो सका. इसके बाद टेस्ट करने पर मालूम हुआ कि मरीज को हाइपरसेंस्टिविटी न्यूमोनाइटिस है, जो कि फेफड़ों की एक गंभीर बीमारी होती है. ये बीमारी, धूल, फफूंद, पक्षियों के मल या किसी एलर्जी की वजह से होती है. इसके बाद डॉक्टर्स ने उसे पक्षियों के मल और पंखों से दूर रहने की सलाह दी.


क्या होता है ILD?
ILD यानी इंटरस्टीशियल लंग्स डिज़ीज एक बीमारी है, जो कबूतरों के सूखे मल और पंखों की वजह से होती है. सूखी खांसी, लंबे समय तक रुक रुक कर खांसी आना, सांस लेने में दिक्कत होना, थकान होना इसके मुख्य लक्षण हैं. 


समय से इलाज न लेने पर ये बीमारी इतनी गंभीर हो सकती है कि आगे जाकर ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत भी पड़ने लगती है. डॉक्टर्स का कहना है कि इससे लाइफ की क्वॉलिटी भी खराब हो सकती है.


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