रेलवे प्रशासन द्वारा राजस्थान (Rajasthan) में गांधीनगर जयपुर रेलवे स्टेशन (Gandhinagar Jaipur railway station) का विश्वस्तरीय विकास किया जायेगा. इसके लिए लगभग 180 करोड़ रू. के कार्यों के टेण्डर जारी कर दिये गये हैं और प्री-बिड मीटिंग 13 मई को की जायेगी. उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार महाप्रबन्धक विजय शर्मा के प्रयासों से उत्तर पश्चिम रेलवे पर पुनर्विकास के लिए स्वीकृत स्टेशनों में गांधीनगर जयपुर स्टेशन भी शामिल है. वर्तमान गांधीनगर जयपुर स्टेशन पर दो नई बिल्डिंग का निर्माण प्रस्तावित है. सामने की ओर की मुख्य इमारत जी2 बिल्डिंग बनाई जायेगी.
क्या क्या होगा
अधिकारी ने बताया, मुख्य प्रवेश स्टेशन भवन में डिपार्चर लॉबी, वेस्टिबुल, बैगेज स्कैनर के साथ सुरक्षा जांच क्षेत्र, हेल्प डेस्क क्षेत्र, प्रस्थान हॉल, शौचालय, आरपीएफ कक्ष और हेड टीसी कक्ष जैसी विभिन्न सुविधाएं होंगी. प्लेटफार्म 1 पर अनारक्षित प्रतीक्षालय, एक्जिक्यूटिव प्रतीक्षालय, खुदरा स्टालें, शौचालय, शिशु आहार कक्ष और प्लेटफार्म संख्या 1 पर आने वाले यात्रियों के लिए आगमन कक्ष होगा.
ये सुविधा भी होगी
इस भवन का मेजेनाइन फर्श बनाया जायेगा. भूमि तल पर विभिन्न रेलवे कार्यालय और दूसरी मंजिल पर एक्सेस कंट्रोल, मेटल डिटेक्टर सिस्टम, बैगेज स्कैनर सिस्टम, अतिरिक्त प्रतीक्षा कक्ष, रिटेल स्टॉल, मॉड्यूलर शौचालय, सीढ़ियां, लिफ्ट, एस्केलेटर आदि होंगे. पहली मंजिल तक आसान पहुंच के लिए एस्केलेटर, लिफ्ट और सीढ़ियां बनाई जाएंगी. दूसरे प्रवेश स्टेशन की इमारत जी1 की होगी जिसमें टिकट काउंटरों के साथ हॉल, बुकिंग कार्यालय, बैगेज स्कैनर के साथ सुरक्षा जांच, प्रस्थान हॉल आदि होंगे.
अन्दर प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर अनारक्षित प्रतीक्षा हॉल, शौचालय, बेबी केयर रूम, आरपीएफ थाना, आगमन हॉल, कुली रूम और स्वास्थ्य निरीक्षक कक्ष होंगे. मुख्य प्रवेश द्वार पर दुपहिया और चौपहिया वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त दो मंजिला भूमिगत बेसमेंट उपलब्ध कराया जाएगा. मौजूदा फुट ओवर ब्रिज का उपयोग आने वाले यात्रियों द्वारा स्टेशन पर पहुंचने के लिए किया जाएगा और इन एफओबी को सीधे आगमन हॉल में खोला जाएगा जहां से यात्री भवन से बाहर निकलेगा. मौजूदा एफओबी को नई वास्तु कला थीम के साथ पुनर्निर्मित किया जाएगा.
एयर कॉनकोर्स
पुर्नविकसित गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर एक एयर कॉनकोर्स प्रस्तावित है, जो दोनों इमारतों को प्लेटफार्मों के ऊपर से जोड़ते हुए बनाया जायेगा. एयर कॉनकोर्स को इन उद्देश्य की पूर्ति के लिए डिज़ाइन किया गया हैः-
-ट्रेन में चढ़ने वाले यात्रियों के लिए वेटिंग एरिया
-लिफ्टों और सीढ़ियों की सहायता से यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित करना
-स्टेशन के भीतरी भाग का विशेष दृश्य प्रदान करना.
-अनारक्षित एवं एक्जिक्यूटिव प्रतीक्षालय, एसी आरक्षित एवं वीआईपी हॉल, क्लोक रूम, शिशु देखभाल कक्ष, शौचालय, खुदरा दुकानें, फूड कोर्ट और विशाल वाणिज्यिक क्षेत्र जैसी अन्य सुविधाएं भी होंगी, साथ ही रेलवे कार्यालय भी होंगे.
छत का सौंदर्यीकरण-
दोनों प्लेटफॉर्म पर छत के माध्यम से एयर कॉनकोर्स को कवर किया जाएगा. यात्रियों को इसके माध्यम से हवेली जैसा एहसास देने के लिए स्टेशन के प्लेटफार्मों पर ट्रिपल हाइट पिच रूफ का प्रस्ताव है. छत एल्यूमीनियम की होगी, इसके कॉलम में जयपुर हवेली स्टाइल क्लैडिंग, मेहराब आदि होंगे.
कैप्टन शशि किरण के अनुसार बेहतर सौंदर्य के लिए मौजूदा स्टेशन भवन का नवीनीकरण किया जाएगा. गांधीनगर-जयपुर स्टेशन का संपूर्ण पुनर्विकास जयपुर शहर की विरासत पर आधारित है. गुलाबी शहर की समृद्ध विरासत को विभिन्न स्थापत्य तत्वों और विशेषताओं जैसे जाली कार्य, मेहराब, गुंबद, छतरी, झरोखा, बारादरी, मेहराब, अलंकरण, पत्थर का काम, पत्थर का आवरण, आदि के माध्यम से किया जाएगा.
पूरी परियोजना में निर्माण के साथ-साथ संचालन और रखरखाव के दौरान ऊर्जा खपत में कमी के लिए सुविधाओं के साथ ग्रीन बिल्डिंग सुविधाएं होंगी, जो नवीनीकरणीय ऊर्जा के साथ कचरे के प्रसंस्करण, वर्षा जल संचयन जैसे संसाधनों युक्त होगी. नवीन बिल्डिंग नेट जीरो एनर्जी बेसड स्टेशन बिल्डिंग होगी.
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