Rajasthan University Program: राजस्थान (Rajasthan) में विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) नहीं पहुंच पाए. बताया गया कि वह बारिश (Rain) के कारण कार्यक्रम में शरीक नहीं हो पाए. हालांकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इस कार्यक्रम में कई विधायकों और मंत्रियों को भी आना था लेकिन कहा जा रहा है कि विवि प्रशासन की कुव्यवस्था के कारण उन्होंने इससे दूरी बना ली. वहीं, मौके पर खाली पंडाल और उल्टी पड़ी हुई कुर्सियां नजर आईं.


शोध छात्र संघ अध्यक्ष रामस्वरूप ओला के कार्यालय का उद्धाटन होना था. इसके लिए विवि में पूरी तैयारी होनी शुरू हो गई थी. 30 अप्रैल का कार्यक्रम तय हुआ. इसके बाद ओला के कार्यालय को रंगरोगन कराया जाने लगा. पांच दिन से तैयारी चल रही थी. उनके कार्यालय के सामने भी साफ़-सफाई होने लगे. वहां पर सीएम के आने को लेकर उत्साह भी दिखा. कई बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर भी लगे.


सीएम की इस घोषणा से दो तरफ बंट गए लोग
सीएम अशोक गहलोत के साथ कई मंत्री और विधायक ने नामों की लिस्ट भी सामने आई. उसके साथ कुछ पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और नेताओं के नाम भी फाइनल हुए. लेकिन इसी बीच 29 अप्रैल को पंचवर्षीय विधि महाविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष अभय चौधरी के कार्यालय उद्घाटन के लिए सीएम कार्यालय ने अनुमति दे दी. अब यही से 'खेल' शुरू हो गया. पांच दिन से चल रही विवि में तैयारी में जोश दो तरफ बंट गया था.


 शुरू हो गया पोस्टर'वार'
पहले सीएम को केवल शोध छात्र संघ अध्यक्ष के कार्यक्रम में आना था लेकिन अब पंचवर्षीय विधि महाविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष को भी अनुमति मिल गई. 30 अप्रैल को सुबह से पोस्टर शुरू हो गया था. इसके बाद विवि के मेन गेट पर सीएम की फोटो के साथ दो बड़े-बड़े पोस्टर लग गए. एक पोस्टर अभय चौधरी का तो दूसरा रामस्वरूप ओला का था. यहीं से विवाद की स्थिति शुरू हो गई. एक तरफ रामस्वरूप ओला के लोगों का कहना था कि यहां पर पोस्टर केवल ओला का लगेगा और दूसरी तरफ अभय के लोगों का कहना था कि हमने विवि प्रशासन से अनुमति ली है.  घूमर पांडाल में बने मंच पर सीएम के साथ ओला और अभय चौधरी को बैठने की व्यवस्था हो गई. लेकिन यह बात रामस्वरूप ओला का पक्ष मानने को तैयार नहीं था. उनका कहना था कि सीएम का कार्यक्रम पहले हमने तय किया है लेकिन किसी तरह से बात बन गई.


बारिश से भींग गया पंडाल
बारिश को देखते हुए रामस्वरूप ओला ने रजिस्ट्रार से कहा कि पंडाल को वाटरफ्रूफ कराया जाय लेकिन रजिस्ट्रार ने एक न सुनी और बारिश हुई तो पूरा पंडाल भींग गया. पानी टपकने लगा. कुर्सियां उल्टी रख दी गईं ताकि कोई आए तो बैठ सके. मंच पर तैयारी के दौरान रजिस्ट्रार ने अपना आपा खो दिया और रामस्वरूप ओला को खूब सुना दिया. इसके बाद मंच पर हंगामा होने लगा और इसी बीच एक लड़का नीचे गिर गया. उसका पैर टूट गया है. वहां पर इस बात का खूब विरोध हुआ. सूत्रों का कहना कि अगर पांडाल को वाटरफ्रूफ बनाया गया होता तो सीएम जरूर आते. विवि में हुए ड्रामे की रिपोर्ट सीएमओ तक पहुंचा दी गई है. अब कार्रवाई की चर्चा भी हो रही है. 


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