राजस्थान (Rajasthan) जयपुर (Jaipur) में हत्या के मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस से सबूत मांगे तो पुलिस ने कहा कि चाकू सहित अन्य 15 जब्त सामान तो बंदर ले गये. बंदर द्वारा सबूतों को ले जाने के बाद पुलिस ने थाने में भी रिपोर्ट दी है. इस मामले में लोक अभियोजक ने डीजीपी सहित अन्य आलाधिकारियों को पत्र लिखकर स्थिति साफ करने की मांग की है. इस घटना के बाद लोक अभियोजक ने कोर्ट में सुनवाई रोकने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया है. यह पुलिस की बड़ी चूक माने या पुलिस का बहाना, कारण चाहे जो भी हो लेकिन अब कोर्ट इस मामले में आगे क्या रुख दिखाता है यह देखने वाली बात होगी.
क्या है पूरा मामला
जयपुर के चंदवाजी थाना इलाके के वर्ष 2016 में शशिकांत शर्मा नामक व्यक्ति की हत्या हुई थी. तभी से हत्या मामले में एडीजे कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस मामले में पुलिस ने हत्या के आरोप में 5 दिन बाद चंदवाजी क्षेत्र के ही राहुल कंडेरा और मोहनलाल कंडेरा को गिरफ्तार कर वारदात का खुलासा किया था. इन आरोपियों से पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल किए गए चाकू सहित कई सामान जब्त किए थे. कोर्ट ने ट्रायल के दौरान जब्त सामान को पेश करने के आदेश दिए. इस पर पुलिस ने कोर्ट में लिखित में जवाब देकर कहा कि चाकू और जब्त सबूत तो बंदर ले गए. पुलिस ने कोर्ट में कहा कि इस संबंध में 2016 में ही रोजनामचे में रपट भी डाल रखी है.
स्थिति हो साफ-लोक अभियोजक
इस बात पर कोर्ट ने भी नाराजगी जाहिर की. लोक अभियोजक ने पुलिस से स्पष्टीकरण लेकर कोर्ट को अवगत करवाने का बात कही है. अभियोजक ने डीजीपी और जयपुर ग्रामीण एसपी को पत्र लिखकर स्थिति साफ करने की मांग की है. पत्र में लोक अभियोजक ने कहा कि खून लगा चाकू और अन्य जब्त सामान बंदर के ले जाने की बात अजीब है. पत्र का अब तक कोई जवाब नहीं आया है. लोक अभियोजक ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाकर सुनवाई रोकने की गुहार लगाई है. अब इस मामले में बुधवार को सुनवाई होनी है. अब देखना है कोर्ट का क्या रुख रहता है.
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