उदयपुर: काव्यपाठ में जयपुर राजघराने पर टिप्पणी, विरेंद्र सिंह हुड़ील की चेतावनी पर कवि ने मांगी माफी
Rajasthan News: उदयपुर में काव्यपाठ में मान सिंह पर कही गई कविता पर विवाद हुआ है. कवि गौरव चौहान ने माफी मांगी है, लेकिन अब विरोध लक्ष्यराज मेवाड़ तक पहुंच गया है.
Rajasthan News: उदयपुर में पिछले दिनों हुए काव्यपाठ कार्यक्रम में कवि गौरव सिंह चौहान ने जयपुर राजघराने के मान सिंह के लिए कविता कही. इसे लेकर अब बवाल मच गया है. उस कविता में मान सिंह के लिए कही गई कुछ लाइन पर आपत्ति जताई जा रही है. विरोध बढ़ा तो कवि गौरव ने क्षमा मांग ली है, लेकिन अब विरोध लक्ष्यराज मेवाड़ तक पहुंच गया है.
सोशल मीडिया पर लक्ष्यराज मेवाड़ की कुछ पोस्ट शेयर की जा रही हैं. अधिवक्ता विरेंद्र सिंह हुड़ील ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इस तरह की बातों का जवाब उनकी ही भाषा में मिलेगा. यह किसी भी खानदानी राजपूत के लिए अपमानजनक है. वीडियो में गौरव चौहान ने कहा कि मुझे मोहरा बनाया है. इस बयान ने कवि की स्थिति को और भी विवादास्पद बना दिया है.
उदयपुर में हुए काव्यपाठ पर मचा बवाल. कवि गौरव चौहान ने मांगी क्षमा @kavigaurav pic.twitter.com/yB9RLDLSCF
— Santosh kumar Pandey (@PandeyKumar313) October 29, 2024
क्या है मामला?
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें कवि गौरव चौहान ने काव्यपाठ के दौरान कहा कि जयपुर राजघराने के मान सिंह को लेकर टिप्पणी की थी. इस बयान ने राजपूत समाज में हलचल मचा दी है और इसे लेकर विवाद बढ़ गया है. अधिवक्ता विरेंद्र सिंह हुड़ील ने कहा कि समाज को आपस में लड़वाने की कोशिश हो रही है.
कवि के ज़रिए जयपुर के राजपूत घरानों को नीचा दिखाना ओछी हरकत है. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. गौरव चौहान ने इस पूरे मामले में राजपूत समाज से माफी मांग ली है. लेकिन समाज के कई सदस्य उनके बयान को लेकर नाराज़ हैं.
अधिवक्ता विरेंद्र सिंह हुड़ील का वीडियो सामने आया जिसमें वो उस काव्यपाठ में कही गई बातों पर आपत्ति जता रहे हैं. उसके बाद कवि गौरव ने कहा कि मैं जिन बातों को कहा हूँ उसका और अध्ययन करूंगा. इतिहास की बातों को समझूंगा और पढूंगा. सच्ची बातें करता रहूंगा. फिलहाल अभी बंटना नहीं है. सबको एक रहना है.
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