Rajasthan Politics: राजधानी जयपुर में 2 अप्रैल को बीजेपी मुख्यालय में ठसाठस भीड़ थी. क्योंकि विधायक दल की बैठक होने वाली थी. उसके बाद नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा होने वाली थी. पूरे प्रदेश के लोगों की नजरें बीजेपी मुख्यालय पर होने वाले घटनाक्रम पर टकटकी लगाए बैठी थी. बीजेपी मुख्यालय पर मीडिया और बीजेपी नेताओं को बस एक ही इंतजार था कि क्या पूर्व सीएम वसुंधरा राजे कोर कमेटी की बैठक में आएंगी?
विधायक दल की बैठक 3 बजे दोपहर से होनी निर्धारित थी. राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनियां और बीजेपी के अन्य विधायक भी पहुंच चुके थे. दोपहर के तीन बजकर 30 मिनट तक भी राजे मुख्यालय नहीं पहुंच पाई थीं. उनके आने न आने की बेचैनी बीजेपी नेताओं के चेहरे पर देखी जा सकती थी. जो भी नेता आया उसकी गाड़ी मुख्यालय के पोर्च में रुकी नहीं. बस गेट के अंदर आई और तुरंत बाहर हो जा रही थी. बीजेपी अध्यक्ष की गाड़ी हो या तत्कालीन उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ की गाड़ी सब कार्यालय से बाहर जा चुकी थी.
करीब चार बजे पहुंचीं राजे
इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि राजे किसी भी समय कार्यालय आ सकती हैं. 3 बजकर 51 मिनट पर वसुंधरा राजे जिंदाबाद के नारे लगने लगे और एक मर्सिडीज कार को कुछ लोग चारों तरफ से घेरे हुए थे. वो आकर पोर्च में रुक गई. उसके बाद राजे निकलीं और कार्यालय में अंदर चली गईं. उनके साथ आई हुई सभी गाड़ियों कार्यालय परिसर से बाहर चली गईं. मगर RJ11CC0001 नंबर की मर्सिडीज कार वहीं पर रुक गई. काफी देर बाद जबतक कार नहीं हटी तो लोग चर्चा करने लगे. यह कार अब यहीं रहेंगी जबतक राजे नहीं आएंगी.
एक बार न लगने की है चर्चा
जानकारी के अनुसार जब सतीश पूनियां पार्टी के अध्यक्ष थे तब उनकी कार पार्टी कार्यालय के पोर्च में खड़ी थी और राजे की कार आई तो पूनियां के कार का ड्राइवर इसलिए गाड़ी नहीं हटाया पाया क्योंकि उसे कार की चाबी नहीं मिली थी. इस बहाने (जैसा लोगों ने बताया) के बाद राजे की कार पोर्च में खड़ी न हो सकी और यह पहला अवसर बताया गया कि जब राजे की गाड़ी को पोर्च से हटना पड़ा.
यहां नियम नहीं लागू होते
बीजेपी अध्यक्ष की गाड़ी पहले से ही वहां से नदारद थी. सभी अपने आप को आम कार्यकर्ता बताते हैं. उसी पर चलने का प्रयास भी करते हैं. जब पूरे प्रदेश से बीजेपी के कार्यकर्ता आये हो तो संदेश देने में कोई पीछे नहीं हटना चाहता. लेकिन राजे की गाड़ी नहीं हटी तब लोगों ने कहा कि यहां इस गाड़ी पर नियम लागू नहीं होते.
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