Jaisalmer News: जैसलमेर के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में स्वदेशी एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) का सफल परीक्षण किया गया है. भीषण गर्मी में गन का एक सप्ताह तक परीक्षण चला. गौरतलब है कि एडवांस टोड आर्टिलरी गन पूरी तरह से स्वदेशी है और डीआरडीओ (DRDO) के साथ मिलकर भारत की दो कंपनियां बना रही हैं. पहले छह बार गन का परीक्षण किया जा चुका है. गन माइनस 3 डिग्री से लेकर 75 डिग्री तक काम करने में सक्षम है. 


51 किमी तक अचूक निशाना साध सकता है स्वदेशी गन


पोकरण में डीआरडीओ और सेना के अधिकारियों की मौजूदगी में 26 अप्रैल से 2 मई तक गन का परीक्षण किया गया. गन की मारक क्षमता 48 किलोमीटर है और वजन करीब 18 टन है. फिलहाल गन अपनी मारक क्षमता से अधिक 52 किलोमीटर तक अचूक निशाना साध सकता है. भारतीय सेना के पास 155 एमएम की फिलहाल 7 गन है और 40 तोपों ऑर्डर किया हुआ है. इसके अलावा 150 और तोप बनाए जाएंगे. इसे चलाने के लिए 6 से 8 लोगों की जरूरत पड़ती है. 60 मिनट में 60 राउंड फायर करता है. इसकी फायरिंग रेंज 48 किलोमीटर है, लेकिन बढ़ाकर 52 किलोमीटर करने का प्रयास किया जा रहा है. 


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सूत्रों के अनुसार एटीएजीएस को फिलहाल सेना में शामिल नहीं किया गया है. गर्मी में इसका परीक्षण चल रहा है. ATAGSका 2016 में पहली बार परीक्षण किया गया था. 2020 में पोकरण फायरिंग रेंज में परीक्षण के दौरान बैरल फट गया .। फिर इसमें तकनीकी अपग्रेड किया गया है और अब इसके सफल परीक्षण किए गए हैं. इस बार हथियारों को परखने के लिए बेहतर मौसम है. अप्रैल माह में भीषण गर्मी का दौर रहा है. पारा 45 डिग्री से ऊपर है और फायरिंग रेंज में 50 डिग्री के करीब होता है. ऐसे में वायुसेना, सेना और डीआरडीओ अपने हथियारों को परखने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं.


भीषण गर्मी में गन का 1 सप्ताह तक किया गया परीक्षण 


जानकारों के अनुसार हथियारों के परीक्षण के लिए सर्दी औरव गर्मी दोनों ही मौसम की जरूरत रहती है. गर्मी में परखने के लिए पोकरण फोल्ड फायरिंग रेंज सबसे बेहतर है. पोकरण फायरंग रेंज में लगातार परीक्षण का सिलसिला चल रहा है. कुछ दिन पहले आकाश मिसाइल के सफल परीक्षण हुए थे. पिनाका मिसाइल और धनुष तोप के भी परीक्षण किए जा चुके हैं. 26 अप्रैल से 2 मई तक लगातार एटीएजीएस का दो साल बाद सफल परीक्षण किया गया. सूत्रों के अनुसार आगामी दो माह में तीन से चार हथियारों के परीक्षण भी किए जाएंगे.


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