Jaisalmer Ramdevra Fair: राजस्थान के लोक देवता बाबा रामदेव जी का मंदिर जैसलमेर जिले के पोकरण परमाणु नगरी से 11 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. लोक देवता बाबा रामदेव का रामदेवरा मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक माना जाता है. यहां हर साल लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं. रामदेवरा का यह मंदिर बाबा रामदेव जी महाराज को समर्पित है, जो 15वीं शताब्दी के महान संत और समाज सुधारक थे.


बाबा रामदेव जी महाराज का जन्म 1409 ईस्वी में पोकरण में अजमाल सिंह तंवर के घर हुआ था. बाबा रामदेव महाराज लोक देवता माने जाते हैं. यह मंदिर उनकी समाधि पर बना हुआ है. हर साल बाबा रामदेव जी की समाधि स्थल रामदेवरा मंदिर के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं. लोक देवता बाबा रामदेव मंदिर की मान्यता है कि जब भी किसी भक्त की कोई मनोकामना पूर्ण होती है, तो वह यहां आकर कपड़े का घोड़ा मंदिर में भेंट करता है.


लोक देवता बाबा रामदेव महाराज ने अपने जीवन काल में समाज के सर्वधर्म सर्वजाति के गरीब और दलित वर्ग की मदद करते थे. उन्हेंने सामाजिक समानता का संदेश दिया. उन्होंने जाति-पाति के भेदभाव को समाप्त करने का हमेशा प्रयास किया. सभी धर्म के लोगों को एक साथ मिलकर रहने की प्रेरणा देते थे. बाबा रामदेव जी महाराज को रामसा पीर के नाम से भी जाना जाता था. बाबा रामदेव जी के निधन के बाद उनके भक्तों ने उनकी समाधि बनाई थी. समय के साथ अब यहां एक भव्य मंदिर का निर्माण हो चुका है.
  
अगस्त-सितंबर के महीने में लगता है मेला
लोक देवता बाबा रामदेव जी की समाधि स्थल रामदेवरा मंदिर में हर साल अगस्त-सितंबर के महीने में विशाल मेले का आयोजन होता है. इस मेले के दौरान कई राज्यों और कई शहरों से श्रद्धालु पैदल चलकर यहां पहुंचते हैं. यह बाबा रामदेव महाराज की पूजा और उनकी शिक्षाओं को समर्पित हैं.


इस मेले में बेंगलुरु, मद्रास, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश और भारत के अलग-अलग हिस्सों से लाखों श्रद्धालु आते हैं. मेले के दौरान मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस धार्मिक आयोजन का विशेष महत्व है.


मंदिर के पास पवित्र सरोवर
लोक देवता बाबा रामदेव जी की समाधि स्थल रामदेवरा का मंदिर बाबा रामसापीर को समर्पित हैं. इस मंदिर में 365 दिन धार्मिक आयोजन चलते रहते हैं. साथ ही यहां पर श्रद्धालु भी लगातार दर्शन के लिए पहुंचते हैं. हर दिन मंदिर में पूजा-अर्चना, आरती का आयोजन किया जाता है.


इस मंदिर परिसर के पास स्थित रामसरोवर झील एक पवित्र जलाशय है. ऐसी मान्यता है कि इसे बाबा रामदेव जी ने स्वयं बनाया था. श्रद्धालु यहां स्नान करके अपने पापों से मुक्ति पाते हैं.



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