Jal Jeevan Mission: जल जीवन मिशन ने एक और मील का पत्थर पार कर लिया है. अब देश में 9 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से जल मिलने लगा है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. शेखावत ने कहा कि 'हर घर जल' ग्रामीण भारत में तेजी से हकीकत बनता जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के 'सबका साथ, सबका विकास' के विजन से प्रेरित होकर जल जीवन मिशन देश के सुदूर इलाकों में रहने वाली ग्रामीण महिलाओं को सम्मानजनक जीवन प्रदान कर रहा है.
उन्होंने कहा कि ढाई साल से भी कम अवधि, कोरोना महामारी और लॉकडाउन की दिक्कतों के बावजूद जल जीवन मिशन ने 5.77 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों तक नल से जल उपलब्ध कराया है. 15 अगस्त 2019 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन की घोषणा की थी, तब देश के 19.27 करोड़ ग्रामीण घरों में से केवल 3.23 करोड़ (17%) में नल कनेक्शन था. ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की प्रधानमंत्री की परिकल्पना संबंधी सिद्धांत के तहत छोटी सी अवधि में 98 जिले, 1129 प्रखंड, 66067 ग्राम पंचायतें और 1,36,135 गांव ‘हर घर जल’ के दायरे में आ चुके हैं.
2022-23 के बजट में भी 60,000 करोड़ रुपये का प्रावधान
गोवा, हरियाणा, तेलंगाना, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, पुदुचेरी, दादर एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव में हर ग्रामीण घर में नल से जलापूर्ति हो रही है. पंजाब (99%), हिमाचल प्रदेश (92.4%), गुजरात (92%) और बिहार (90%) जैसे कई अन्य राज्य भी वर्ष 2022 में ‘हर घर जल’ के मुहाने पर पहुंच गए हैं. केंद्रीय मंत्री के अनुसार केंद्रीय बजट 2022-23 में भी 3.8 करोड़ घरों तक नल से जल पहुंचाने के लिए 60,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा वर्ष 2021-22 में राज्यों को 26,940 करोड़ रुपए आवंटित किए गए, जो ग्रामीण स्थानीय निकायों/पंचायती राज संस्थानों को जल और स्वच्छता संबंधी अनुदान देने की 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों से जुड़ा है.
गांवों में बन रहे हैं रोजगार के अवसर: शेखावत
उन्होंने बताया कि अगले पांच वर्षों यानी वर्ष 2025-26 तक के लिए 1,42,084 करोड़ रुपए के आश्वस्त वित्त पोषण का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि देश के ग्रामीण इलाकों में होने वाले इस भारी निवेश से ग्रामीण अर्थव्यवस्था बढ़ रही है. गांवों में रोजगार के अवसर बन रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 16 माह की अल्पावधि में देश के 8.46 लाख स्कूलों (82%) और 8.67 लाख (78%) आंगनवाड़ी केंद्रों को पीने और मध्याह्न भोजन बनाने, हाथ धोने और शौचालयों में इस्तेमाल करने के लिए नल से जल की आपूर्ति की गई है. गांवों में पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए 9.1 लाख से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है.
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