Rajasthan News: नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग में ट्रांसफर के लिए पूर्व विधायक की फर्जी डिजायर (लेटर हेड) का इस्तेमाल मामले ने तूल पकड़ लिया है. पूर्व विधायक पूराराम चौधरी ने भीनमाल थाने में दो अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. नामजद रिपोर्ट में कूटरचित लेटरपेैड विभाग को भेज कर ट्रांसफर लिस्ट में नाम जुड़वाने का आरोप लगाया गया है.


पुलिस निरीक्षक रामेश्वर भाटी ने बताया कि पूर्व विधायक पूराराम चौधरी की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि भंवराराम अधिशासी अधिकारी तृतीय नगर परिषद सिरोही और हनुमानाराम कनिष्ठ अभियंता नगर निगम कोटा उत्तर ने कूटरचित लेटरपेड बनाकर फर्जी हस्ताक्षर से नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग मंत्री झाबर सिंह खर्रा को अनुशंसा प्रस्तुत कर ट्रांसफर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा लिया. फर्जी डिजायर के बारे में जानकारी निजी सहायक की ओर से मिली. जानकारी मिलने पर विभागीय मंत्री के कार्यालय में बात की. डिजायर की कॉपी देखने पर लेटरपैड और हस्ताक्षर फर्जी पाए गए.


 पूर्व MLA की फर्जी डिजायर का मामला


पूर्व विधायक ने दोनों अधिकारियों के विरुद्ध रिपोर्ट दी है. फिलहाल पुलिस की ओर से पूर्व विधायक की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी है. बता दें कि मंत्री झाबर सिंह खर्रा के पास भीनमाल नगर पालिका में ईओ और जेईएन लगाने की सिफारिश का फर्जी लेटरपैड पूर्व विधायक और बीजेपी नेता पूराराम चौधरी का पहुंचा. फर्जी लेटरपैड के आधार पर विधायकों और बीजेपी नेताओं की डिजायर से तैयार हो रही सूची में भी क्रमांक 914-915 नंबर पर दोनों नाम अटैच कर दिए. डिजायर 26 जुलाई को मंत्री के कार्यालय पहुंची थी. अधिशासी अधिकारी तृतीय भंवराराम को नगर परिषद सिरोही से भीनमाल नगर पालिका और हनुमाराम को नगर निगम कोटा उत्तर से भीनमाल तबादला करने की सिफारिश की गई थी.




दो अधिकारियों पर लगा गंभीर आरोप


डीएलबी के मंत्री को पहुंचे लेटरपैड में पूराराम चौधरी का पता सी-1 एमएलए क्वार्टर जालुपूरा, जयपुर बताया है. जबकि पूराराम का एक दूसरा लेटरपैड सामने आया है. उसमें उनका पता होटल नीलकमल न्यू बस स्टैंड भीनमाल है. दोनों में भी भित्रता है. पहले किसी अन्य अधिकारी का लेटरपैड दे चुके थेः. पूराराम चौधरी ने विमल कुमार दवे को नगर परिषद बांसवाड़ा से पालिका भीनमाल में ईओ लगाने का लेटरपैड 27 जून को दिया था. उसके बाद दूसरा लेटरपैड गया तो पहले वाले को हटाकर फर्जी लेटरपैड पर लिखे अधिकारियों के नाम सूची में अटैच कर दिए. 


(रिपोर्ट- हीरालाल भाटी)


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