Dalit Student Death Case: राजस्थान के जालौर में हुई दलित छात्र की मौत मामले की जांच एसआईटी करेगी. इस मामले को तूल पकड़ता देख एसआईटी को इसकी जांच का जिम्मा दे दिया है. कार्यालय महानिरीक्षक पुलिस जोधपुर की तरफ से एसआईटी को इस मामले की जांच का आदेश जारी किया है. मतलब अब एसआईटी इस पूरे मामले की सच्चाई सभी के सामने लाएगी, एसआईटी को जांच कर निष्कर्ष प्रतिवेदन देने के ऑर्डर भी दिए गए हैं.
जालौर की घटना पर क्या बोले सीएम अशोक गहलोत?
वहीं इस मामले को लेकर हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि घटनाएं पूरे देश में होती हैं लेकिन राजस्थान में जिस तरह से हम तत्काल कार्रवाई करते हैं, वह कहीं और नहीं होता. वे (बीजेपी) इसे जंगल राज कहेंगे लेकिन लोग सब कुछ समझते हैं और हमारा समर्थन कर रहे हैं. इससे पहले राजस्थान सरकार ने पीड़ित परिवार के लिए आर्थिक मदद की घोषणा भी की है.
इसके साथ ही कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा था कि मैं आशा करता हूं कि सरकार और प्रशासन सिर्फ औपचारिक खानापूर्ति ना कर, परिजनों को जल्द से जल्द उचित न्याय दिलाएंगे. हालांकि इस मामले को लेकर दलित समुदाय में नाराजगी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है.
पिता ने शिक्षक पर लगाया पिटाई का आरोप
बता दें कि जोधपुर (Jodhapur) के जालौर में एक शिक्षक ने कथित तौर पर मटका छूने पर एक दलित छात्रा की पिटाई की थी, जिससे छात्र की मौत हो गई थी. इस मामले में छात्र के पिता ने आरोप लगाया था कि 20 जुलाई को तीसरी कक्षा के छात्र इंद्र मेघवाल ने पानी की मटकी को छू लिया था इसके बाद टीचर छैल सिंह ने बच्चे की पिटाई की थी. पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षक छैल सिंह की पिटाई से उसकी दाहिनी आंख और कान पर अंदरुनी चोटें आईं. इतना ही नहीं छैल सिंह ने जातिसूचक शब्दों का भी प्रयोग किया.