जालौर में अतिक्रमण पर एक्शन के बीच सचिन पायलट बोले, 'लोग आवाज उठा रहे लेकिन पुलिस...'
Jalore Encroachment News: सचिन पायलट ने मकान तोड़ने की कार्रवाई को लेकर कहा कि सरकार को इनके अधिकारों के लिये न्यायपालिका के माध्यम से तुरंत राहत प्रदान करने के लिये कार्रवाई करनी चाहिए थी.
Jalore News: राजस्थान के जालौर जिले के ओडवाड़ा गांव में चारागाह जमीन पर बने मकानों को तोड़ने के लिए आज प्रशासन मौके पर पहुंचा. वहीं प्रशासन के पहुंचते ही वहां लोगों ने विरोध शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस को हल्के बल का इस्तेमाल करना पड़ा. वहीं पुलिस की इस कार्रवाई की सचिन पायलट ने निंदा की है.
सचिन पायलट ने कहा, "जालौर जिले के ओडवाड़ा गांव में घरों को तोड़ने के आदेश के विरुद्ध संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं. ये लोग अपना घर बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं."
बातचीत से सुलझाना चाहिए मुद्दा- सचिन पायलट
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने आगे कहा, "सरकार को इनके अधिकारों के लिये न्यायपालिका के माध्यम से तुरंत राहत प्रदान करने के लिये कार्यवाही करनी चाहिये थी. पुलिस एवं प्रशासन से आग्रह है कि इस मुद्दे को शांति एवं बातचीत द्वारा सुलझाया जाना चाहिए."
प्रशासन का असंवेदनशील रवैया- वैभव गहलोत
वहीं जालौर से कांग्रेस के उम्मीदवार वैभव गहलोत ने कहा, "आहोर के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने के नाम पर 440 घरों को तोड़ा जा रहा है जबकि ये परिवार वर्षों से रहते आये हैं. प्रशासन इसके लिए हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दे रहा है जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान प्रभावी पैरवी से इन घरों को बचाया गया था. मेरा मानना है कि प्रभावी पैरवी के अभाव में हाईकोर्ट का फ़ैसला ग्रामीणों के खिलाफ रहा होगा. आज अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान प्रशासन का असंवेदनशील रवैया भी सामने आया.
वैभव गहलोत ने आगे कहा, "इस संबंध में मैंने जालोर कलेक्टर से भी बात कर निवेदन किया है कि संवेदनशीलता से विचार कर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ इन गरीब लोगों के पक्ष में अपील करें एवं उच्चतम न्यायालय का फैसला आने तक इस कार्रवाई को रोक कर आमजन को न्याय दिलाने में मदद करें. मैं भी इस मामले में ग्रामीणों की मदद करने के लिए विधिक राय ले रहा हूं."
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