Jalore Student Death: दलित छात्र की मौत के मामले को लेकर गहलोत सरकार पर दबाव बढ़ा, अब बाल अधिकार आयोग ने की ये मांग
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी इस घटना को लेकर राजस्थान सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस भेजा है.
Jalore Student Death Case: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को दलित छात्र की मौत के मामले में मंगलवार को और अधिक दबाव का सामना करना पड़ा. मामले में शीर्ष बाल अधिकार निकाय ने सख्त कार्रवाई की मांग की और राजस्थान की बारां नगर परिषद के 12 कांग्रेस पार्षदों ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया.
सख्त कार्रवाई की मांग
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने जिलाधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि मामला गंभीर है और उसने सात दिन के अंदर प्राथमिकी और आरोपी के खिलाफ प्रशासन और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा. बाल अधिकार संस्था ने मामले में राजस्थान सरकार से आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
मामले की मांगी रिपोर्ट
एक बयान के मुताबिक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी इस घटना को लेकर राजस्थान सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस भेजा है. आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी कर पुलिस द्वारा की जा रही जांच की वर्तमान स्थिति और जिम्मेदार प्रधानाध्यापक के खिलाफ की गई कार्रवाई सहित विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.
25 कांग्रेस पार्षदों ने भेजा इस्तीफा
इस बीच, राजस्थान की बारां नगर निकाय के 25 कांग्रेस पार्षदों में से 12 ने दलितों और वंचित वर्गों के खिलाफ कथित अत्याचार पर नाराजगी व्यक्त की और अपना मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेज दिया. उन्होंने पार्टी के बारां-अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल का समर्थन किया, जिन्होंने सोमवार को सीएम गहलोत को अपना इस्तीफा भेजकर कहा था कि अगर वह अपने समुदाय की रक्षा नहीं कर सकते तो उन्हें विधायक बने रहने का अधिकार नहीं है.
20 जुलाई को की थी पिटाई
गौरतलब है कि 20 जुलाई को जालोर के सुराणा गांव में एक निजी स्कूल के शिक्षक द्वारा इंद्र मेघवाल नाम के छात्र की पिटाई किए जाने से संबंधित है जिसकी 13 अगस्त को अहमदाबाद में एक अस्पताल में मौत हो गई थी.
ये भी पढ़ें
Jalore Student Death: जालौर में छात्र की मौत को लेकर दलित संगठनों का प्रदर्शन, फांसी देने की मांग