Jalore Student Death Case: मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की गहलोत सरकार को चेतावनी, कहा- बच्चे को न्याय नहीं मिला तो सरकार से सर्मथन लूंगा वापस
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि अगर सरकार ने दलित बच्चे को न्याय नहीं दिलाया तो बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए सभी छह विधायक अपना समर्थन सरकार से वापस ले लेंगे.
Rajasthan News: राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा गांव में स्कूल छात्र की पिटाई से मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजस्थान की गहलोत सरकार को विपक्ष के साथ-साथ अपने विधायकों की भी नाराजगी झेलनी पड़ रही है. वहीं अब इन सब के बीच गहलोत सरकार के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने बयान देकर अपने साथ ही कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल पर ही सवाल खड़े कर दिए है कहा कि दलित को न्याय मिलना चाहिए लेकिन किसी एक जाति विशेष को विलन नहीं बनाने दिया जाएगा. गुढ़ा उन छह विधायकों में से हैं जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव बसपा की टिकट पर जीता था लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
'एक जाति को नहीं बनाया जाए विलेन'
मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने मंत्री गोविंदराम मेघवाल का नाम लेकर कहा, "हमारे मंत्रि परिषद के साथी जिस तरह से एक जाति के लिए बोल रहे हैं तो मैं हाथ जोड़कर उनसे निवेदन करता हूं कि अपराधी की कोई जाति नहीं होती है. मामले में एक जाति विशेष को विलेन नहीं बनाया जाए. उन्होंने कहा कि घटना में जो भी दोषी है उसे सरेआम फांसी पर लटकाया जाना चाहिए. इसके साथ ही गुढ़ा ने यह भी कहा कि अगर सरकार ने दलित बच्चे को न्याय नहीं दिलाया तो बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए सभी छह विधायक अपना समर्थन सरकार से वापस ले लेंगे."
गुढ़ा ने कहा,"पक्ष और विपक्ष के सभी नेता डांगावास कांड के समय क्यों चुप थे? विधायक पानाचंद मेघवाल ने उस वक्त इस्तीफा क्यों नहीं दिया. बीजेपी के नेता डांगावास कांड के दौरान कहां थे. हमारे मौजूदा व पूर्व अध्यक्ष उस मामले में क्यों नहीं बोले जिस वक्त डांगावास कांड हुआ. उस समय में मैं अस्पताल में था. आज जालोर कांड में बयान देने वाले नेता कहीं नजर नहीं आ रहे थे. साल 2015 में नागौर जिले के डांगावास गांव में जमीन विवाद को लेकर दलितों को पीट-पीटकर मार डाला गया था."
न्याय नहीं मिलेगा तो समर्थन लेंगे वापस
सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी देते हुए गुढ़ा ने संवाददाताओं से कहा, "सच्चाई यह है कि अगर सरकार (दलित छात्र मौत मामले में) कोई कार्रवाई नहीं करेगी और उस दलित परिवार को न्याय नहीं मिलेगा तो हम और हमारे सभी साथी इस सरकार के साथ, चाहे हमें हमारी सदस्यता क्यों ना खोनी पड़े. उस लेवल (समर्थन वापस लेने) तक चले जांएगे."
कथित तौर पर पिटाई से मौत
बता दें कि जालौर में नौ वर्षीय दलित छात्र इंद्र कुमार को 20 जुलाई को स्कूल में घड़े को छूने के आरोप में कथित तौर पर एक शिक्षक ने पीटा था. उसकी 13 अगस्त को अहमदाबाद के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में आरोपी शिक्षक छैल सिंह (40) को गिरफ्तार कर लिया गया है.
ये भी पढ़ें