Jalore Incident: राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Rajasthan Child Rights Protection Commission) जालोर में शिक्षक की कथित पिटाई से हुई दलित छात्र की मौत पर अपनी रिपोर्ट सोमवार को सरकार (Rajasthan government) को सौंपेगा. इस बीच, आयोग के एक सदस्य ने बताया कि अभी यह तय किया जाना है कि इस मामले में नौ वर्षीय छात्र की पिटाई जातिगत भेदभाव (छुआछूत) के चलते की गई थी या नहीं? गौरतलब है कि जालोर के सुराणा गांव के सरस्वती विद्या मंदिर में तीसरी कक्षा के दलित छात्र इंद्र कुमार मेघवाल की उसके शिक्षक छैल सिंह ने 20 जुलाई को कथित तौर पर पानी का घड़ा छूने पर पिटाई की थी. छात्र की 14 अगस्त को अहमदाबाद के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. छैल सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है.


क्या कहा आयोग के सदस्य ने
मामला सामने आने के बाद आयोग के सदस्य शिव भगवान नागा 17 अगस्त को सुराणा गांव गए थे. नागा ने कहा कि इंद्र कुमार के सहपाठियों के अनुसार, ‘‘मेघवाल और एक अन्य छात्र में चित्रकला की कॉपी को लेकर झगड़ा हुआ था. इसके बाद (आरोपी अध्यापक) छैल सिंह ने उन्हें थप्पड़ मारे. इसमें मेघवाल को कान और आंख में चोट लगी.’’ नागा ने बताया, ‘‘मैं संबंधित स्कूल और पीड़ित परिवार के घर गया. मैंने परिवार के अलावा कई छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय लोगों से बात की. जहां अधिकांश छात्रों ने स्कूल में जातिगत भेदभाव (छुआछूत) और पेयजल की अलग व्यवस्था होने से इनकार किया. वहीं मेघवाल के चचेरे भाई ने कहा कि शिक्षक ने इंद्र की पिटाई इसलिए की क्योंकि उसने लंच के बाद उनके (शिक्षक) घड़े से पानी पी लिया था.’’


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गांव में जातिगत भेदभाव से इनकार-नागा
इंद्र का चचेरा भाई इसी स्कूल में पांचवीं कक्षा का छात्र है. नागा ने कहा, ‘‘अन्य छात्रों और शिक्षकों के अनुसार स्कूल में घड़ा नहीं था और सभी परिसर में बनी टंकी से पानी पीते थे.’’ उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने इससे पहले भी गांव में जातिगत भेदभाव की किसी भी घटना से इनकार किया है. आयोग के सदस्य ने कहा कि आयोग ने शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि यदि संबंधित स्कूल की मान्यता समाप्त की जाती है, तो उसके विद्यार्थियों को दूसरे स्कूल में स्थानांतरित कर दिया जाए ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो.


सांसद हनुमान बेनीवाल बैठे धरने पर
जालोर के पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा, ‘‘मामले की जांच की जा रही है, लेकिन यह अभी तक स्थापित नहीं हो सका है कि शिक्षक ने घड़ा छूने पर बच्‍चे की पिटाई की थी.’’ बता दें कि जालोर के जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक शुक्रवार को एक बार फिर पीड़ित परिवार से मिले थे व उनकी समस्याओं की जानकारी ली और हर संभव मदद, निष्पक्ष जांच और सुरक्षा का भरोसा दिलाया था. इस बीच, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल शनिवार रात अपने समर्थकों के साथ जालोर जिला कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठ गए और मेघवाल के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की. इससे पहले बेनीवाल ने सुराणा गांव में पीड़ित परिजनों से मुलाकात की.


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