राजस्थान के कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, टोंक, बांसवाड़ा, सवाईमाधोपुर, करोली, दौसा में प्रदर्शन किए गए. उधर इस घटना के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों में विरोध देखा जा रहा है. डॉ भीमराव अंबेडकर कल्याण समिति अध्यक्ष बाबूलाल वर्मा ने बताया कि भारत सरकार और राज्य सरकार आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी के अमृत महोत्सव का आयोजन कर रही है. वहीं दूसरी तरफ राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों को उच्च जातियों के साथ पानी पीने तक का अधिकार नहीं है तथा अनुसूचित जाति के व्यक्ति को उच्च जाति के मटके से पानी पीने की सजा हत्या के रूप में दी गई है.
ऐसे मामलों से अनुसूचित जाति वर्ग आक्रोशित हैं, आक्रोशित समाज आंदोलन की राह पकड़ता है तो सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी. ज्ञापन में घटना पर लापरवाही बरतने के कारण संबंधित थानेदार एवं जिला मजिस्ट्रेट से लेकर जिला कलेक्टर वह मजिस्ट्रेट एवं जिला पुलिस अधीक्षक को तत्काल निलंबित करने की भी बात की है. इसके अलावा सुराणा गांव में और इसके आस पास के 25 किमी तक के सभी गांव की सुरक्षा राजस्थान पुलिस आरएसी बटालियन के सुपुर्द करने और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता देने की मांग की है. वहीं मामले में 15 दिन में स्पेशल कोर्ट में चालान पेश कर जल्द सजा दिलाने की मांग की है.
छात्र को मटकी से पानी पीने की मिली सजा
बता दें कि जालौर के सायला थाना इलाके में स्थित प्राइवेट स्कूल में एक दलित छात्र से मारपीट करने के बाद उसकी मौत हो गई है. इस घटना के बाद परिजनों ने सायला थाने में शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. परिजनों का आरोप है कि बच्चे ने स्कूल में पानी की मटकी से पानी पिया था. इस वजह से शिक्षक ने उसके साथ गंभीर मारपीट की और इससे बच्चे की कान की नस फट गई थी. इस बच्चे का पिछले करीब 25 दिन से अहमदाबाद में इलाज चल रहा था और वहां शनिवार को उसकी मौत हो गई.