Udaipur News: श्रीमद भगवत गीता जिसके हिंदुस्तान ही नहीं है विश्व के कई देशों के लोग भी कायल है. गीता वैश्विक हुई तो भगवान श्रीकृष्ण भी मैनेजमेंट गुरु के नाम से प्रख्यात हो गए. नतीजा भी यह है कि विश्व के कई देशों में भगवान श्री कृष्ण के मंदिर है साथ-साथ कई नेपाल, जापान, सिंगापुर सहित कई देशों ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओ को अपने पोस्ट कार्ड के जरिए छापा है.
कई देशों ने जारी किए टिकट
संग्रहकर्ता डॉ विनय भाणावत ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण पर भारत सहित कई अन्य देशों ने भी डाक टिकट जारी किए हैं. विश्व के अनेक देशों में जहां-जहां हिन्दू बसे हुए हैं वहां की सरकारों ने भारतीयों की भावनाओं का सम्मान करते हुए भारतीय त्यौहारों एवं हिन्दुओं के देवी देवताओं पर कई डाक टिकट जारी किए हैं.
26 फरवरी 1969 में दक्षिणी अमेरिका के एक राष्ट्र गुयाना ने राधाकृष्ण पर बहुत ही खूबसूरत चार डाक टिकटरों का एक सेट जारी किया था. इनका मुद्रण लन्दन की परकिंस बेकिंस लिमिटेड द्वारा लिथोग्राफी प्रणाली से किया गया था और इनकी डिजाईन जे. ई. कूटर ने तैयार की थी. इन डाक टिकटों की खासियत यह रही कि उनकी बिक्री केवल मात्र तीन महीने ही की गई और 25 मई 1969 को इनकी बिक्री बंद कर को दी गई. ये डाक टिकट दुर्लभ हैं और बहुत ही कम मात्रा में उपलब्ध है.
इतना था मूल्य
ये चारों डाक टिकट 6, 25, 30 और 40 सेन्ट मूल्य के जारी किए गए थे. इन चारों डाक टिकटों में राधाकृष्ण ने गोपियों के साथ फाग खेलते हुए दर्शाया गया है. इसके साथ ही सिंगापुर, नेपाल, जापान आदि कई अन्य देशों ने भी कृष्ण पर डाक टिकट जारी किए. भारतीय डाक विभाग ने भी 5 मई 1973 को राधा पर 20 पैसे मूल्य का, 25 अगस्त 1978 को कृष्ण-अर्जुन भगवद्गीता पर, 25 पैसे मूल्य का सहित कई टिकट जारी किए.
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