राजस्थान के भरतपुर जिले में 104 वर्ष से दशहरे पर लगते आ रहे जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेला पिछले 4 वर्षों से नहीं लग रहा है . तीन वर्ष कोरोना महामारी की गाइडलाइन के अनुसार मेला नहीं लगा था और वर्ष 2022 में गायों में लम्पि वायरस के चलते राज्य सरकार ने पशु मेले पर रोक लगा दी थी इस कारण जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेले पर 4 साल से ग्रहण लगा अब इस साल हट  जायेगा . इस वर्ष राज्य सरकार के आदेश आ गए है 19 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेला लगेगा.


जिला कलेक्टर लोकबंधु ने मेले में आने वाले लोगों  की सुविधा के लिए मेले आम रास्तों को ठीक करने एवं मेले में सीसीटीवी कैमरे लगाने और सुरक्षा के लिए पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता लगाने व् मेले में कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए है. जिला कलेक्टर ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मेला स्थल पर अस्थाई चिकित्सालय एवं दवाइयों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए है.




 

जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेला उत्तर भारत का मशहूर मेला है इसमें देश के अन्य राज्यों दिल्ली ,हरियाणा ,उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश से के व्यापारी व्यापार करने के लिए आते है . हजारों लोगों को रोजगार मिलता है . प्रदर्शनी में किसानों के लिए अलग से प्रदर्शनी लगाई जाती है जिससे किसान को उत्तम किस्म के बीज और पशुपालन व खेती कार्य के उपयोग में ली जाने वाली मशीनरी के बारे में जानकारी दी जाती है . 

 

अगले वर्ष से नहीं लगेगा मेला 


 


महाराजा किशन सिंह द्वारा वर्ष 1920 में महाराजा जसवंत सिंह की याद में शुरू की गई जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेले का आयोजन अब कभी नहीं होगा इसका मुख्य कारण यह है की जिस जमीन पर मेला लगता है उस जमीन  के जाने के बाद अब 102 वर्ष से लग रहा ऐतिहासिक जसवंत प्रदर्शनी पशु मेला हमेशा के लिए बंद हो जाएगा.

 यह मेला ना केवल स्थानीय लोगों की श्रद्धा से जुड़ा हुआ था बल्कि पूरे उत्तर भारत में यह मेला काफी प्रसिद्ध रहा है . प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा पशु मेला यहां लगता है . जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेला प्रशासनिक अधिकारियों और राजस्थान सरकार की इच्छाशक्ति की भेंट चढ़ गया है. 

 


19 अक्टूबर को जिला कलेक्टर ध्वजारोहण कर करेंगे मेले की शुरुआत 

पशु पालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. नागेश चौधरी ने बताया है की इस बार मेला 4 वर्ष के बाद लगेगा तीन वर्ष कोरोना महामारी के कारण स्थगित किया और पिछले वर्ष लम्पि वायरस के कारण राज्य सरकार ने पशु मेले को स्थगित किया था इस बार सरकार ने जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेले को लगाने के लिए निर्देश दे दिए है.

इसबार मेला 19 अक्टूबर को सुबह साढ़े आठ बजे जिला कलेक्टर लोकबंधु परम्परागत तरीके से पूजा-पाठ कर विधिवत रूप से ध्वजारोहण कर मेले का शुभारम्भ करेंगे. 19 और 20 अक्टूबर को पशु प्रतियोगिता कराई जाएगी 21 अक्टूबर को भजन जिकड़ी 22 अक्टूबर को नौटंकी 23 अक्टूबर को ढोला गायन और 24 अक्टूबर को रावण दहन कार्यक्रम किया जायेगा 25 अक्टूबर को सांस्कृतिक संध्या 26 अक्टूबर को क्षेत्रीय कवी सम्मलेन और 27 अक्टूबर को रात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के साथ मेले का समापन होगा.