Jat Samaj Mahapadav: राजस्थान में एक बार फिर आरक्षण आंदोलन शुरू हो गया है. आज से भरतपुर और धौलपुर के जाट समाज का केंद्र में ओबीसी के आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर के उच्चैन थाना क्षेत्र के जयचोली गांव में महापड़ाव शुरू कर दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले ही राजस्थान में भरतपुर, धौलपुर के जाटों ने केंद्र में ओबीसी वर्ग में आरक्षण की मांग के लिए आज से मुंबई-दिल्ली रेलवे ट्रेक से करीब 300 मीटर की दूरी पर जयचोली रेलवे स्टेशन के पास महापड़ाव शुरू कर दिया है.
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह ने चेतावनी देते हुए एलान किया है कि अबकी बार हमारी आर-पार की लड़ाई है अगर हमारी मांग को पूरा नहीं किया गया तो जल्दी ही रेलवे मार्ग और सडकों मार्ग को जाम कर दिया जाएगा. महापड़ाव स्थल जयचोली गांव में आंदोलनकारियों के लिए खाने पीने और ठंड से बचने के लिए इंतजामात किये गए है.
पुलिस बल तैनात
वहीं जाट आंदोलन को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. इसके अलावा मुंबई-दिल्ली रेलवे मार्ग पर रेलवे पुलिस बल तैनात किया गया है. भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया, "भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों को केंद्र में आरक्षण की मांग काफी पुरानी है. आज से महापड़ाव शुरू किया गया है लेकिन कभी भी रेलवे मार्ग और नेशनल हाईवे पर जाम लगाने का फैसला समाज ले सकता है. अभी हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा है लेकिन सरकार ने नहीं सुनी तो कुछ भी हो सकता है."
साल 1998 से चली आ रही आरक्षण की मांग
नेम सिंह फौजदार ने बताया आरक्षण की यह मांग 1998 से की जा रही है. साल 2013 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने भरतपुर-धौलपुर जिलों के साथ 9 राज्यों के जाटों को आरक्षण दिया था, लेकिन जब 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी तो सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेकर 10 अगस्त 2015 को भरतपुर धौलपुर के जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया गया था. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 23 अगस्त 2017 को राज्य में दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिया गया लेकिन केंद्र में ओबीसी में आरक्षण की मांग हमारी तभी से जारी है.
फौजदार ने बताया कि सितंबर 2021 को जब जाटों ने चक्का जाम का एलान किया था तब तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 28 दिसंबर 2021 को दोनों जिलों के जाटों को केंद्र की ओबीसी में आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश पत्र लिखा था. उसके बाद जाट समाज के लोग दिल्ली ओबीसी कमिशन से भी मिले और केंद्र सरकार के मंत्री से भी मुलाकात की थी लेकिन अभी तक दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं दिया गया है.
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