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Bharatpur News: जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने दिया 10 दिनों का अल्टीमेटम, मांगों को लेकर दी आंदोलन की चेतावनी
Rajasthan News: धौलपुर के जाट समाज ने आरक्षण की मांग को लेकर हुंकार सभा का आयोजन किया. उन लोगों ने सभा के माध्यम ने मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.
राजस्थान के भरतपुर-धौलपुर जिले के जाटों को केंद्र में आरक्षण की मांग के लेकर आज डीग जिले के जनुथर गांव में जाट समाज की हुंकार सभा आयोजित की गई. जिसमें सैकड़ों की संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे.
हुंकार सभा में लोगों को इकट्ठा करने के लिए आरक्षण संघर्ष समिति ने गांव गांव जाकर पीले चावल बांटे थे. हुंकार सभा का आयोजन आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए किया गया था. हुंकार सभा में पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि अगर आरक्षण नहीं तो लोकसभा में वोट नहीं और भरतपुर - धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने ऐलान किया कि 10 दिन का समय सरकार को देते हैं अगर आरक्षण नहीं दिया तो उच्चैन थाना क्षेत्र के जैंचोली गांव के पास दिल्ली मुंबई रेलवे ट्रैक से महापड़ाव की शुरुआत की जाएगी और आंदोलन का बिगुल बजाया जायेगा.
पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा आरक्षण नहीं तो वोट नहीं
पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि मेरी मुख्यमंत्री से बात हुई है. उन्होंने भी भरतपुर - धौलपुर आरक्षण के मामले को गंभीरता से लिया है. प्रधानमंत्री भी अभी राजस्थान के दौरे पर है. उन्होंने कहा कि मैं 5 वर्ष मंत्री रह लिया लेकिन आज भी आरक्षण की मांग के दौरान लगे केस चल रहे है. उन्होंने कहा कि केसों की चिंता नहीं है आप चिन्ता न करे हम सरकार से वार्ता करेंगे और हमारे आरक्षण की मांग का समर्थन कर रहे है जाटव समाज ने भी समर्थन किया है.
बयाना की विधायक ऋतू बनावट भी आज हुंकार सभा में पहुंची थी और अपना समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि आरक्षण मिलेगा निश्चित रूप से मिलेगा. राजस्थान की 16 लोकसभा सीट है जिनपर जाट मतदाता असर रहता है और भरतपुर और धौलपुर की लोकसभा सीट इनके लिए जरुरी है. सभी लोग संकल्प ले कि अगर केंद्र सरकार आरक्षण का लाभ नहीं देती है तो वोट भी नहीं देंगे. आरक्षण नहीं तो कोई वोट नहीं कह देना
2015 में केंद्र से ख़त्म किया था आरक्षण
गौरतलब है कि भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों को केंद्र में आरक्षण की मांग 1998 से चली आ रही है. 2013 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने भरतपुर धौलपुर जिलों के जाटों सहित अन्य 9 राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था. वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेकर 10 अगस्त 2015 को भरतपुर- धौलपुर के जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया गया था. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 23 अगस्त 2017 को राज्य में दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिया गया. केंद्र में आरक्षण के लिए हमारी मांग जब ही से जारी है.
पूर्व सीएम आरक्षण के लिए केंद्र में कर चुके हैं सिफारिश
सितंबर 2021 में जब जाट समाज ने चक्का जाम का ऐलान किया था. तब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 28 दिसंबर 2021 को दोनों जिलों के जाटों को केंद्र की ओबीसी में आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश पत्र लिखा था. उसके बाद हम लोग दिल्ली ओबीसी कमीशन से भी मिले और केंद्र सरकार के मंत्रियों से भी मुलाकात की, लेकिन अभी तक दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं दिया गया. अब राजस्थान में बीजेपी की सरकार बन गई है. केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है. इसके साथ ही सौभाग्य की बात यह है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भरतपुर के रहने वाले हैं. इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि बिना संघर्ष करे जाट समाज को केंद्र में आरक्षण मिल जाएगा.
सरकार को 10 दिन का समय दिया
हुंकार सभा में लिए गए निर्णय की घोषणा करते हुए संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह ने ऐलान किया कि भरतपुर की उच्चैन तहसील में दिल्ली - मुंबई रेलवे ट्रैक के पास जैचोली में महापड़ाव शुरू किया जायेगा. हम सरकार को 10 दिन का समय देते है सरकार हमारी बात को गंभीरता से ले नहीं तो पहला पड़ाव जैचोली पर शुरू होगा उसके बाद दूसरा पड़ाव बेढ़म गांव से किया जायेगा और तीसरा रारह पर शुरू किया जाएगा और चौथा पथैने पर शुरू होगा एक साथ पुरे जिले को जाम करने के लिए हमको मजबूर होना पड़ेगा. अगर हमारी बात को सरकार गंभीरता से नहीं लेती है तो एक साथ महापड़ाव शुरू करके रेल की पटरी और सड़क पर कब्जा करेंगे यह हमारी मजबूरी होगी.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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