JEE Advanced Counseling 2023: इस वजह से बढ़ी काउंसलिंग कटऑफ, चॉइस फिलिंग करने से पहले इन बातों पर ध्यान दें
JEE Advanced 2023: देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा जेईई एडवांस्ड का परीक्षा परिणाम जारी होने के साथ ही विद्यार्थियों में अपनी रैंक के आधार पर यह उत्सुकता बढ़ गई है कि आईआईटी में कौनसी ब्रांच मिल सकेगी.
JEE Advanced Counselling Date 2023: देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा जेईई एडवांस्ड का परीक्षा परिणाम (JEE Advanced Result 2023) जारी हो गया है. विद्यार्थियों में अपनी रैंक के आधार पर यह उत्सुकता बढ़ गई है कि आईआईटी में कौनसी ब्रांच मिलेगी. काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि आईआईटी गुवाहाटी की ओर से परीक्षा परिणामों के विश्लेषण में सामने आया है कि जेईई मेन के आधार पर शीर्ष 2.50 लाख विद्यार्थियों को एडवांस्ड परीक्षा के लिए योग्य घोषित किया गया.उनमें से इस वर्ष कुल 1 लाख 89 हजार 744 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया. इसमें से 1 लाख 80 हजार 372 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए.कुल 43 हजार 773 विद्यार्थियों को काउंसलिंग के लिए पात्र घोषित किया गया है. इस वर्ष गत 11 वर्षों के मुकाबले रजिस्ट्रेशन करवाने और परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी सर्वाधिक रही.कुल 95 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज हुई.
कितने छात्रों ने किया है क्वालीफाई
आहूजा ने बताया कि आईआईटी काउंसलिंग के लिए कुल 43 हजार 773 क्वालीफाई विद्यार्थियों में 14006 विद्यार्थी सामान्य श्रेणी, 9212 विद्यार्थी ओबीसी, 5438 विद्यार्थी ईडब्ल्यूएस, 11021 विद्यार्थी एससी श्रेणी के, 4096 विद्यार्थी एसटी कैटेगरी के हैं.इनमें 36264 छात्र और 7509 छात्राएं काउंसलिंग के पात्र घोषित की गई हैं.
क्यों बढ़ी कटऑफ
जेईई एडवांस्ड परीक्षा में सामान्य श्रेणी की औसतन कटऑफ 25.89 प्रतिशत (86 अंक) और विषयवार 6.83 प्रतिशत (8 अंक), ओबीसी और ईडब्ल्यूएस की औसतन कटऑफ 21.50 प्रतिशत (77 अंक) एवं विषयवार 6.15 प्रतिशत (7 अंक), एससी-एसटी एवं शारीरिक विकलांग विद्यार्थियों की औसतन कटऑफ 11.95 प्रतिशत (43 अंक) और विषयवार 3.42 प्रतिशत (4 अंक) रही. ये औसतन कटऑफ 360 अंकों में से और विषयवार कटऑफ 120 अंकों में से ली गई है.
काउंसलिंग के लिए जारी कटऑफ पिछले कई सालों के अनुपात में अधिक रही है. इसका मुख्य कारण सर्वाधिक विद्यार्थियों का जेईई-एडवांस्ड परीक्षा में शामिल होना और पिछले वर्षों के मुकाबले पेपर्स का डिफिकल्टी लेवल कम रहना माना जा सकता है.गत वर्ष 2022 में सामान्य की औसतन कटऑफ 15.28 प्रतिशत, विषयवार 4.40 प्रतिशत, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस की औसतन 13.89 एवं विषयवार 4 प्रतिशत, एससी, एसटी एवं पीडब्ल्यूडी की औसतन 7.78 और विषयवार कटऑफ 2.20 प्रतिशत रही थी. इसी तरह वर्ष 2021 और 2020 में समानरूप से कटऑफ ओपन कैटेगिरी की औसतन कटऑफ 17.50, विषयवार 5 प्रतिशत, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस की औसतन 15.75 व विषयवार 4.50 प्रतिशत, एससी और एसटी एवं शारीरिक विकलांग वर्ग की औसतन 8.75 एवं विषयवार 2.50 प्रतिशत कटऑफ रही.
कब तक कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन और चॉइस फिलिंग
विद्यार्थियों को 19 जून से 28 जून के मध्य रजिस्ट्रेशन एवं चॉइस फिलिंग करनी होगी. कुल 116 संस्थानों की 700 से अधिक ब्रांचों को प्राथमिकता सूची में भरना होगा.यह सम्पूर्ण काउंसलिंग प्रक्रिया 28 जुलाई तक चलेगी.आहूजा ने बताया कि विद्यार्थियों को चॉइस फिलिंग का अवसर एक बार ही मिलेगा. इसलिए विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा कॉलेजों के विकल्प को अपनी प्राथमिकता के घटते क्रम में भरें.विद्यार्थी गत वर्षों की ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक को देखते हुए कॉलेजों के चयन के ट्रेण्ड का अनुमान लगा सकते हैं.क्लोजिंग रैंक से नीचे की रैंक वाले कॉलेज की ब्रांचों को भी अपनी रुचि अनुसार कॉलेज प्राथमिकता सूची के क्रम में शामिल करें.
आपकों मिल सकती हैं कौन किस रैंक पर कौनसी आईआईटी
अमित आहुजा ने बताया कि ऐसे विद्यार्थी जिनकी ऑल इंडिया रैंक अंडर-100 है, उन्हें टॉप आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में कंप्यूटर साइंस मिलने की संभावना है.आईआईटी मुम्बई की सीएस ब्रांच टॉप-61 पर क्लोज हो जाती है.इसके बाद दूसरी प्राथमिकता दिल्ली सीएस को स्टूडेंट देते हैं.तीसरी प्राथमिकता में कानपुर और मद्रास की कम्प्यूटर साइंस ब्रांच को दी जाती है.100 से 500 रैंक के मध्य दिल्ली, कानपुर की एमएनसी, उपरोक्त चारों आईआईटी की इलेक्ट्रीकल,खड़गपुर की सीएस ब्रांच मिल सकती है.500 से 1000 के मध्य बीएचयू, रुड़की, हैदराबाद, गुवाहाटी की सीएस, मुम्बई, दिल्ली, कानपुर की कोर ब्रांच मिलने की संभावना है. 1000 से 4000 के बीच रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गांधीनगर, इंदौर, रोपड़, मंडी, जोधपुर, धनबाद, पटना, भुवनेश्वर में कम्प्यूटर साइंस और मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर आईआईटी में कम्प्यूटर साइंस के अतिरिक्त अन्य ब्रांचें मैकेनिकल, केमिकल, सिविल, एयरोस्पेस, प्रोडक्शन आदि मिलने की संभावना रहती है. 4000 से 8000 के मध्य रुड़की, गुवाहाटी, खड़गपुर, हैदराबाद, वाराणसी में सिविल, कैमिकल, मेटलर्जी और मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में लोअर ब्रांचेंज, पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू में सीएस मिलने की संभावना बन सकती है. 8000 से 12000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को रोपड़, मंडी, इंदौर, गांधीनगर, जोधपुर, भुवनेश्वर, पटना, धनबाद में कोर ब्रांच के अतिरिक्त अन्य ब्रांचों के साथ-साथ पुराने सात आईआईटी में बॉयलोजिकल साइंस, नेवल आर्किट्रेक्चर, माइनिंग इंजीनियरिंग, पॉलीमर साइंस, सिरेमिक इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है. 12 से 17 हजार के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को नई आईआईटी जैसे पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू की अन्य ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है.
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