फिजिक्स
पेपर-1 कठिन और लेन्दी रहा. वहीं पेपर-1 की तुलना में पेपर-2 कुछ आसान रहा. ओवरऑल अभी तक आईआईटी का जो पैटर्न था, उसमें यह पेपर कठिन था. कैलकुलेशन बेस्ड प्रश्नों की संख्या ज्यादा थी।. पेपर-1 में एक प्रश्न में दो कंसेप्ट होने से स्टूडेंट्स कंफ्यूज रहे. हीट टॉपिक से आसान कैलकुलेटिव प्रश्न पूछे गए, जबकि हीट थमोर्डाइनेमिक्स से ग्राफ आधारित प्रश्न पूछे गए. न्यूक्लियर फिजिक्स के प्रश्न में न्यूक्लियर एनर्जी इंटरएक्शन का सवाल था, जिसने स्टूडेंट्स को कंफ्यूज किया.
मैथ्स
पिछले साल की तुलना में पेपर कठिन और लेन्दी रहा. एक ही प्रश्न में काफी सारी कैलकुलेशन होने से स्टूडेंट्स को क्वेश्चंस सॉल्व करने में समय ज्यादा लगा. पेपर संतुलित था. हर चैप्टर को पेपर में वेटेज दिया गया था. ज्यादातर प्रश्नों में मिक्स कांसेप्ट थे. दो-तीन चैप्टर्स से कंसेप्ट लेकर प्रश्नों को तैयार किया गया था. स्टूडेंट्स ने बताया कि फॉन्ट साइज बड़ा होने से प्रश्न स्क्रीन पर पूरा नहीं दिख रहा था. स्क्रॉल करने में समय ज्यादा लग रहा था. यदि ऐसा नहीं होता तो हम दो-तीन प्रश्न ज्यादा सॉल्व कर पाते.
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केमिस्ट्री
पेपर का लेवल मध्यम से कठिन रहा. कैलकुलेटिव पार्ट ज्यादा रहा. यहां तक कि ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री के कुछ प्रश्नों में भी कैलकुलेशन जोड़ दी गई थी. इनऑर्गेनिक में कोर्डिनेशन, मेटलर्जी और रिएक्शन बेस्ड प्रश्न पूछे गए. ऑर्गेनिक कैमिस्ट्री में मिक्स कंसेप्ट में रोड मैप के प्रश्न पूछे गए. फिजीकल केमिस्ट्री आसान रही, लेकिन कैलकुलेशन ज्यादा थी.
एक सितम्बर को जारी होंगे रिकॉर्डेड रिस्पांस
एक्सपर्ट अमित आहुजा ने बताया कि जेईई-एडवांस्ड परीक्षा होने के बाद प्रश्न पत्र एक-दो दिन में जारी हो सकते हैं, क्योंकि स्टूडेंट्स के रिकॉर्डेड रिस्पांस एक सितम्बर को जारी किए जाएंगे. इसके बाद 3 सितम्बर को प्रोविजनल आंसर-की जारी की जाएगी. स्टूडेंट्स को प्रोविजनल आंसर-की को चैलेंज करने का मौका 4 सितम्बर तक दिया जाएगा. फिर 11 सितम्बर को फाइनल आंसर-की के साथ जेईई-एडवांस्ड का परिणाम जारी किया जाएगा.
एससी-एसटी वर्ग के छात्रों के लिए इतना है कटऑफ
आहूजा ने बताया कि जेईई-एडवांस्ड इनफॉर्मेशन बुलेटिन के अनुसार मेरिट लिस्ट में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों को विषयवार और औसतन दोनोंं कटऑफ पहले ही घोषित की जा चुकी है, जो कि सामान्य श्रेणी के लिए विषयवार 10 प्रतिशत और औसतन 35 प्रतिशत, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए विषयवार 9 प्रतिशत और औसतन 31.5 प्रतिशत है. वहीं एससी-एसटी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए विषयवार 5 प्रतिशत और औसतन 17.5 प्रतिशत है. पिछले साल ओपन कैटेगिरी की औसतन कट ऑफ 17.50, विषयवार 5 प्रतिशत,ओबीसी और एडब्ल्यूएस की औसतन 15.75 और विषयवार 4.50 प्रतिशत, एससी-एसटी और शारीरिक विकलांग वर्ग की औसतन 8.75 और विषयवार 2.50 प्रतिशत कट ऑफ रही.
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