JEE Main 2024 Session 2 Exam: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने विभिन्न परीक्षाओं में होने वाली नकल और अनफेयर मींस (अनुचित साधनों के प्रयोग) को नियंत्रित करने के लिए बड़ी तैयारी की है. एनटीए द्वारा पिछले दिनों नोटिफिकेशन जारी कर नकल रोकने के लिए किए गए उपायों को जेईई-मेन अप्रैल सेशन में लागू कर दिया है. अब इसका असर पहले दिन 4 अप्रैल को हुई परीक्षा में ही नजर भी आ गया. जेईई-मेन अप्रैल सेशन की परीक्षाओं के पहले ही दिन एनटीए ने तकनीक की मदद लेते हुए नकल के 10 मामले पकड़े. 


इसमें एक मामले में तो कैंडिडेट ही बदला हुआ पाया गया, वहीं नौ अन्य मामलों में अनुचित साधनों का प्रयोग सामने आया है. इस संबंध में एनटीए ने परीक्षा के बाद नोटिफिकेशन जारी कर सूचना दी. एनटीए के अनुसार इस साल कैंडिडेट की पहचान एआई के माध्यम से की जा रही है. इसमें स्टूडेंट के प्रवेश पत्र की फोटो और परीक्षा केन्द्र पर खींचे गए फोटो को आई-फेस से मिलाकर देखा जा रहा है.


कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट ने दी ये जानकारी
कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि एनटीए की ओर से इससे पहले जारी किए गए एक अन्य नोटिफिकेशन के अनुसार अब 50 लाख से अधिक स्टूडेंट्स के पारदर्शी परीक्षा के आयोजन की तैयारी की जा रही है. एनटीए वर्तमान में देश की सबसे बड़ी मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षा के साथ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में होने वाली बड़ी प्रवेश परीक्षा सीयूईटी करवा रहा है. इसके साथ ही कई भर्ती परीक्षाएं भी एनटीए द्वारा आयोजित की जा रही है. 


नोटिफिकेशन के अनुसार एनटीए मॉल प्रेक्टिस और किसी भी प्रकार की नकल को रोकने के लिए अपनाए गए मैकेनिज्म को इन सभी परीक्षाओं पर समान रूप लागू करने जा रहा है. एनटीए द्वारा इस साल परीक्षाओं को पारदर्शिता के साथ सुचारू रूप से कराने के लिए मल्टीपल वैरिफिकेशन, बॉयोमेट्रिक, ई-केवाईसी, स्टूडेंट्स की चेकिंग और विभिन्न एआई बेस्ड टूल्स का प्रयोग किया गया है. एनटीए द्वारा इसके लिए परीक्षा केन्द्रों पर फ्लाइंग स्क्वाड तक भेजे गए हैं. परीक्षा पर नियंत्रण करने के लिए एआई बेस्ड कंट्रोल रूम तक बनाए गए हैं.


स्टूडेंट्स की हर एक्टिविटी पर नजर
एनटीए ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा देते समय के डाटा को एनालिसिस किया जा रहा है. परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स की हर एक्टिविटी को सीसीटीवी और एआई टूल्स के माध्यम से रिकॉर्ड किया जा रहा है. ऐसे स्टूडेंट्स जिनके व्यवहार में परीक्षा के दौरान किसी भी तरह का संशय पाया जाता है, तो परीक्षा के बाद उनके लॉग को अध्ययन किया जाएगा. इसके बाद यदि स्टूडेंट नकल करने या अनुचित साधनों के उपयोग करने का दोषी साबित होता है, तो नियमानुसार पब्लिक मॉल प्रैक्टिस एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी. 


स्टूडेंट्स इस साल और आने वाले साल के लिए परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा. इसके साथ ही इस मामले को आपराधिक मानते हुए भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस साल पहली बार परीक्षा के दौरान बायो ब्रेक में जाने-आने पर भी बॉयोमेट्रिक जांच की जा रही है. अमित आहूजा ने बताया कि जेईई-मेन की परीक्षा 12 अप्रैल तक होगी. अप्रैल परीक्षा के लिए जनवरी के मुकाबले ज्यादा स्टूडेंट्स ने आवेदन किया है. आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 12 लाख 57 हजार है. वहीं परीक्षा का परिणाम 20 अप्रैल तक जारी होने की संभावना है.



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