JEE Mains 2023: देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की आयोजक संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की एक छोटी सी गलती हजारों स्टूडेंट्स पर भारी पड़ने वाली है. हजारों स्टूडेंट्स को समस्या का सामना काउंसिलिंग के दौरान एनआईटी की सीट आवंटन में होगा. गलती जेईई-मेन के आवेदन में पूछे गए स्टेट ऑफ इलेजिब्लिटी की जगह स्टेट ऑफ रेजीडेंस से जुड़ी हुई है. कॅरियर काउंसिलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि एनटीए की तरफ से जेईई-मेन के लिए इस वर्ष हुई आवेदन प्रक्रिया में एक बड़ी गलती की गई.


आवेदन के दौरान स्टेट ऑफ इलेजिब्लिटी की जगह स्टेट ऑफ रेजीडेंस पूछा गया. स्टूडेंट्स ने उस स्टेट का नाम दिया, जिसके निवासी हैं, जबकि एनटीए को इस कॉलम में उस स्टेट की डिटेल पूछनी थी, जिस स्टेट से स्टूडेंट्स ने 12वीं की परीक्षा दी है या देने वाले हैं, क्योंकि इस जानकारी के आधार पर ही स्टूडेंट्स को होम स्टेट कोटे के तहत 50 प्रतिशत सीटों पर एडमिशन में वरीयता दी जाती है. देश के 32 एनआईटी में करीब 26 हजार सीटें हैं, उनमें से 13 हजार सीटों पर एडमिशन होम स्टेट कोटे से दिया जाता है और शेष 13 हजार सीटों पर अदर स्टेट कोटे से एडमिशन होता है.


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एनआईटी की आवंटित सीट हो सकती है निरस्त


आहूजा ने बताया कि आवेदन में मांगे गए स्टेट ऑफ रेजीडेंस की जानकारी के आधार पर ही स्टूडेंट्स को जेईई मेन का एडमिट कार्ड जारी किया गया. इस कॉलम में भरे गए स्टेट ऑफ रेजीडेंस को स्टेट ऑफ इलेजिब्लिटी का स्टेट मान लिया गया. इस वजह से अब उन हजारों स्टूडेंट्स का भविष्य खतरे में आ गया है, जिन्होंने आवेदन के दौरान स्टेट ऑफ रेजीडेंस वाले कॉलम में अपने निवास का स्टेट भर दिया, जबकि उन्होंने 12वीं की परीक्षा अन्य किसी दूसरे राज्य से पास की है या इसकी पढ़ाई कर रहे हैं. इस गफलत में जेईई-मेन रिजल्ट के बाद जोसा काउंसिलिंग में छात्रों को स्टेट ऑफ इलेजिब्लिटी में भरे हुए स्टेट के अनुसार उस स्टेट के होम स्टेट कोटा से सीट का आवंटन किया जाएगा और पहले अलॉटमेंट के आवंटन बाद छात्रों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होगा. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में 12वीं पास करने का स्टेट और स्टेट ऑफ इलेजिब्लिटी में दी गई जानकारी का मिलान किया जाएगा. भिन्नता पाए जाने पर आवंटित एनआईटी की सीट को निरस्त कर दिया जाएगा और आगे के राउं में 12वीं पास करने वाले स्टेट से सीट आवंटित की जाएगी. 


एक्सपर्ट ने बताया अब एनटीए को करना चाहिए?


आहूजा ने बताया कि अभी जेईई-मेन जनवरी सेशन का ही एग्जाम हुआ है. छात्रों को अप्रैल के आवेदन करने का अवसर आएगा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को स्पष्ट करना चाहिए कि स्टूडेंट को स्टेट ऑफ रेजीडेंस की जगह स्टेट ऑफ इलेजिब्लिटी के स्टेट को भरना है और इस संदर्भ में नोटिस जारी कर स्टूडेंट्स को सूचित कर अप्रैल में आवेदन के दौरान करेक्शन का अवसर देना चाहिए.  अप्रैल के आवेदन की प्रक्रिया 7 फरवरी से 7 मार्च तक होगी.