Jhalawar News: 'प्रधानमंत्री अवास की किस्त तभी मिलेगी, जब रिश्वत दोगे', रंगे हाथों पकड़ा गया रोजगार सहायक
राजस्थान में स्थित झालावाड़ जिले में एक भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. जिसमें एक रोजगार सहायक रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हो गया. सहायक ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए रिश्वत मांगा था.
Rajasthan News: राजस्थान में भ्रष्टाचार (Corruption) पर शिकंजा कसने के लिए एसीबी लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन उसके बाद भी रिश्तखोर बाज नहीं आ रहे हैं. झालावाड़ जिले में एक और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जहां प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister Housing Scheme) की अंतिम किश्त जारी नहीं की जा रही थी. उसकी एवज में 30 हजार की रिश्वत की मांग की जा रही थी. परेशान होकर प्रार्थी ने एसीबी में शिकायत की और उसके बाद सोमवार को रोजगार सहायक एसीबी के चंगुल में आ गया.
आवास और अन्य ठिकानों पर भी तलाशी
परिवादी को परेशान किए जाने पर पंचायत समिति डग के ग्राम पंचायत सुनारी के रोजगार सहायक को एसीबी की टीम ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. एसीबी की टीम आरोपी के आवास और अन्य ठिकानों पर तलाशी कर रही है. इसके साथ ही आरोपी से पूछताछ की जा रही है. सोमवार को एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर झालावाड़ इकाई ने कार्रवाई करते हुए अंतिम कुमार मीणा रोजगार सहायक ग्राम पंचायत सुनारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. अंतिम कुमार मीणा रोजगार सहायक 30 हजार रुपये की रिश्वत की मांग कर परेशान कर रहा है. इस पर पीड़ित ने शिकायत की, शिकायत का सत्यापन होते ही अंतिम मीणा को टेप की योजना बनाई और उसे 10 हजार की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया. आरोपी इससे पूर्व भी तीन हजार रुपए ले चुका था.
भ्रष्टाचारियों पर की जा रही है कार्रवाई
दरअसल, राजस्थान में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक दल लगातार प्रयास कर रहा है. भ्रष्टाचार को लेकर कोई भी शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है और आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है. बता दें कि बीते दिनों भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा देहात की टीम ने रिश्वत (Bribe) मांगने के दो साल पुराने मामले में बारां जिले के अंता थाना के तत्कालीन सीआई उमेश मेनारिया और कांस्टेबल रवि कुमार को गिरफ्तार कर दोनों को एसीबी कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने दोनों को 14 दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए थे.
Udaipur: 9 बार मिली हार, फिर भी 10वीं बार लड़े और जीते चुनाव, 50 साल बाद पूरा हुआ देवी सिंह का सपना