Rajasthan News: सरकार भले ही बच्चों के स्वास्थ्य और उनके उज्जवल भविष्य के लिए पोषाहार के माध्यम से उनको पोष्टिकता देने का प्रयास कर रही है, लेकिन दूसरी और इस योजना में लगे कर्मचारियों की लापरवाही बच्चों की जान पर भारी पड़ रही है. पोषाहार को लापरवाही पूर्वक बिना चेक किए परोसा जा रहा है और बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है. कोटा (Kota) संभाग के झालावाड़ (Jhalawar) जिले के डग पंचायत समिति के एक गांव में भी ऐसा ही मामला समाने आया जहां बच्चों के पोषाहार में बनाई गई दाल में छिपकली निकली. 


झालावाड़ जिले की डग पंचायत समिति के डोबड़ा गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विषाक्त भरा भोजन करने से करीब 16 बच्चे बीमार हो गए. इसके बाद परिजन उन्हें डग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए, जहां उनका इलाज किया गया. बताया गया कि भोजन करने के दौरान छात्रों की थाली से  छिपकली निकलने से हड़कंप मच गया. बच्चों में घबराहट होने से उन्हें डग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उनका इलाज किया. 


पोषाहार प्रभारी निलंबित
वहीं मौके पर जिला कलेक्टर के निर्देश पर जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी, डग विकास अधिकारी, डग तहसीलदार, ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. विकास जैन और डग एसएचओ मौके पर पहुंचे और मामले की जांच की. मामला गंभीर होने पर जिला कलक्टर के निर्देश के बाद सीईओ जिला परिषद ने पोषाहार प्रभारी प्रकाश जैन को निलंबित किया. वहीं अन्य शिक्षक को 16 सीसी का नोटिस जारी किया. हालांकि चिकित्सकीय जांच में बच्चों की तबियन ठीक है, लेकिन घोर लापरवाही सामने आई हैं.


कक्षा 1 से 8 तक के लिए बनाया गया था पोषाहार
जांच में सामने आया कि इस पोषाहार को खाने से 16 बच्चों की तबीयत बिगड़ी. यह पोषाहार स्कूल की कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए बनाया गया था. जैसे ही पोषाहार तैयार हुआ तो सबसे पहले कक्षा छह के छात्र सुरेंद्र की दाल में गिरी छिपकली के पिछले हिस्से पर नजर पड़ी. इसके बाद स्कूल में हड़कंप मच गया. एक के बाद एक बच्चों का जी मिचलाने लगा. दिल घबराने लगा और उल्टी जैसी होने लगी. इसके बाद स्कूल स्टाफ बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंचा जहां उनका इलाज किया गया.


पोषाहार में छिपकली निकलने के बाद स्थानीय विधायक कालूलाल मेघवाल ने अव्यवस्था पर भारी नाराजगी प्रकट करते हुए कर्मचारियों को फटकार लगाई. इसके अलावा अस्पताल में एकत्रित हुए ग्रामीणों ने भी इस मसले पर काफी नाराज की जताई. ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं थी और हम बच्चों को लेकर परेशान रहे. 


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