Rajasthan Online Fraud: अगर आप भी सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं. किसी भी तरह की परमिशन देने से पहले थोड़ा सावधान हो जाए. सोशल मीडिया पर लुभावने ऑफर देखकर आप गलती ना करें. यह शातिर गैंग छोटा लोन का लालच देकर आपको कंगाल कर सकती हैं. सोशल मीडिया के डिजिटल युग में ठग भी हाईटेक हो चुके हैं. शातिर ठग टेक्नोलॉजी के सहारे तरीके बदलकर ठगी कर रहे हैं. शातिर ठग सोशल मीडिया के जरिए छोटा लोन देकर अपने शिकार को जाल में फसा लेते हैं. फिर करते है ब्लैकमेलिंग करने के ऐसे कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे ही शातिर गैंग के सरगना को पुलिस ने गिरफ्तार कर खुलासा किया हैं. 


शातिर गैंग सोशल मीडिया व अन्य ऐप्स पर तत्काल ऋण का झांसा देकर ग्राहकों को फंसाने के बाद छोटी रकम के ऋण देकर यूजर्स से केवाईसी के नाम पर यूजर का पर्सनल डेटा चुरा लेते हैं. फोटो को एडिट कर आपत्तिजनक कंटेंट बना यूजर्स के सम्पर्क वाले लोगों को भेजकर बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने वाले अपराध का खुलासा करते हुए गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.


8000 रुपये का लिया लोन   
एसपी ऋचा तोमर ने बताया कि 11 मई को झालरापाटन निवासी एक युवती द्वारा साईबर थाना झालावाड़ पर शिकायत दर्ज  कराने की बात कही. शिकायत में उसने  कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक व इंस्टाग्राम पर इंस्टेंट लोन के एप्स और उनके लुभावने ऑफर देखे. झांसे में आकर उसने एए क्रेडिट और स्मार्ट वॉलेट नाम के एप्प डाउनलोड कर दोनों एप्प से एक सप्ताह के लिए 8000 रुपये का लोन ले लिया.


कंपनी ने लिया पर्सनल डाटा    
लोन अकाउंट फार्म भरने के साथ केवाईसी के नाम पर पर्सनल डेटा भी लिया गया. लोन की नियत अवधि से पहले ही उस पर लोन राशि चुकाने का दबाव बनाया जाने लगा व धमकी दी जाने लगी तो पीडिता ने लोन चुका दिया. इसके बाद केवाईसी में दी गई फोटो को मॉर्फ्ड कर उसे रिश्तेदारों को भेजने की धमकी देकर दो सप्ताह में ही उससे दर्जनों ट्रांजेक्शन के द्वारा करीब सवा तीन लाख रुपये वसूल कर लिये. 


तरीका वारदात व अपराध का खुलासा
एसपी तोमर ने बताया कि प्रकरण को गंभीरता से लेकर उन्होंने स्वयं के निर्देशन में संयुक्त टीम बनाकर अनुसंधान कर डाटा संकलन किया. साइबर एक्सपर्ट ने तकनीकी अनुसंधान से पाया गया कि गिरोह में शामिल सभी लोग एक चैन के रूप में काम करते हुए. ऑनलाईन ठगी और ब्लैकमेलिंग का काम कर रहे है. जिसमें यूजर्स के पास लोन मनी ट्रांसफर करने व वसूली राशि कलेक्शन के लिए अलग अलग बैंक खातों को उपयोग में लिया जाता है.


गिरोह द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इंस्टेंट लोन के लुभावने ऑफर देकर ग्राहकों को फंसाया जाता है. उसके बाद यूजर्स द्वारा एप डाउनलोड करते वक्त दी गई परमिशन के द्वारा उनके पर्सनल डेटा को हैक कर उनके फोटो / तस्वीरों को अश्लील रूप देकर वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल से मोटी रकम वसूल की जाती है. 


मामले की जांच में जुटी पुलिस    
गिरोह से जुड़े सभी बदमाश कड़ी से कड़ी में जुड़कर काम करते हैं. जिसमें किसी व्यक्ति का चालू खाता खुलवाकर उस खाते को अपराध के रूप में उपयोग में लिया जाता है. इसी श्रृंखला की कड़ी में पीड़िता को राशि ट्रांसफर किये जाने के बैंक खाते की जानकारी एकत्र कर खाता धारक विक्रम जीनगर निवासी उदयपुर व अपराध में उसके साथी रजत सुहालका निवासी उदयपुर को गिरफ्तार किया गया है अनुसंधान जारी है
     
बैंक खाते बेचे गये अनुसंधान से पाया गया कि आरोपी विक्रम जीनगर मुख्य खाता धारक है. जिसके खाते में करोड़ों रुपयों का संदिग्ध लेनदेन पाया गया है. विक्रम जीनगर से पूछताछ करने पर उसने करंट अकाउंट खुलवा कर 25 हजार रूपये में रजत सुहालका को बेचा था . इस पर रजत सुहालका से अनुसंधान किया तो उसने उक्त खाते को 50 हजार रुपये में आगे बेच दिया और इस तरह श्रंखलाबद्ध गिरोह जुडकर अपराध को अंजाम दिया गया.


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