Jharkhand News: झारखंड के जमशेदपुर स्थित जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन यानि सम्मेद शिखर (Sammed Shikharji) का स्टेटस चेंज कर पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में हंगामा जारी है. ताजा मामला यह है कि पारसनाथ पर्वत जा रहे कुछ स्कूली बच्चों को दो तीर्थयात्रियों द्वारा रोकने व दुर्व्यवहार करने की घटना के बाद स्थानीय लोग सड़क पर उतर आये. बाजार को बंद करा दिया गया.
इस घटना के बाद नाराज लोगों ने देर शाम थाने पहुंचे और जमकर नारेबाजी की.मामले की गंभीरता को देखते हुए डुमरी एसडीएम प्रेमलता मुर्मू, एसडीपीओ मनोज कुमार, डीएसपी संजय राणा के साथ जिला मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस में मौके पर पहुंच गई. सदर विधायक सुदिव्य कुमार भी सूचना मिलने पर वहां पहुंच गए. अधिकारियों ने आक्रोशित ग्रामीणों संग बातचीत की. घंटों तक चली वार्ता के बाद विधायक के आश्वासन व बच्चों संग दुर्व्यवहार करने वाले दूसरे जैन तीर्थयात्रियों द्वारा माफी मांगे जाने के बाद माहौल शांत हो गया.
ग्रामीणों को पहाड़ पर जाने से रोकना गलत
इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए विधायक सुदिव्य ने कहा कि स्थानीय लोगों व जैन समुदाय के लोगों के बीच गतिरोध उत्पन्न हुआ था जिसे लेकर वार्ता हुई है. उन्होंने कहा कि पहाड़ सभी का है और इस पर जाने से रोका जाना उचित नहीं है. इससे पहले विधानसभा सत्र के दरमियान रांची में जैन समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई थी. उन लोगों ने जनवरी में यहां के मुद्दों को लेकर मधुबन में बैठक करने की बात कही थी. 9 जनवरी तक जैन समाज के ट्रस्टी मधुबन आकर बात नहीं करते हैं तो 10 जनवरी को मधुबन संक्रान्ति मैदान में यहां के लोग जुटेंगे और जो इनकी मर्जी होगी उसके अनुसार आगे का रास्ता तय किया जाएगा.
अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं
दूसरी तरफ एसडीएम प्रेमलता मुर्मू ने कहा कि मधुबन में बच्चों संग दुर्व्यवहार करने वाले दोनों यात्रियों से पूछताछ की गई है. बाकी ग्रामीणों व जैन संस्था के लोगों संग बैठक हुई है. यहां पूरी तरह से शांति है. लोग अफवाह में नहीं पडें.
सम्मेद शिखरजी का स्टेटस न करें चेंज
दरअसल, यह मामला सम्मेद शिखरजी (Shri Sammed Shikharji) को पर्यटन स्थल बनाने से जुड़ा है. लोगों का कहना है कि सम्मेद शिखरजी एक धार्मिक स्थल है. इसे पर्यटन स्थल (Tourist Place) के रूप में तब्दील नहीं किया जा सकता. झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) ने भी जैन धर्म के पवित्र स्थल सम्मेद शिखर जी को तीर्थ स्थल ही रहने देने के संबंध में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा है.
उन्होंने इस पत्र में कहा कि 'यह मामला जैन समाज की भावनाओं से जुड़ा हुआ है. इसे ध्यान में रखकर इस विषय पर पुनर्विचार करना चाहिए. पर्यावरण मंत्रालय ने इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित कर इको सेंसिटिव जोन में रखा है. वहीं झारखंड सरकार (Soren Government) ने इसे पर्यटन क्षेत्र घोषित कर दिया है. पिछले कुछ समय से इस क्षेत्र में मांस मदिरा पान की शिकायतें मिल रही हैं. यह जैन धर्मावलंबियों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है. इसे पर्यटन स्थल घोषित करने पर जैन धर्मावलंबियों का मानना है कि इससे इस क्षेत्र की पवित्रता भंग होगी.
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